उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा 7 सितंबर से गाइड लाइन के अनुसार मंदिर खोलने के आदेश दिए गए थे, परन्तु पर्याप्त इंतजाम नहीं होने व श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने पहले 30 सितंबर तक व बाद में 31 अक्टूबर तक मंदिर नहीं खोलने का निर्णय लिया गया था। मंडल के सदस्यों ने बताया कि कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा था, ऐसे में थोड़ी सी चूक भारी पड़ सकती थी। ऐसे में जनहित को देखते हुए मंदिर नहीं खोला गया।
ज्वाला माता मंदिर में चैत्र माह में लक्खी मेला भरता है जो अबकी बार नहीं भरा वही आश्विन माह में मेला भरता है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते है। यह आयोजन भी इस बार टाल दिया गया था। जब से मंदिर निर्माण हुआ, तब से सैकड़ों वर्षो में पहली बार मंदिर के पट बन्द रहे।