ग्रामीण-वाहन चालक परेशान
प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी आँखे मुंदे बैठा है, जिससे ग्रामीणों में रोष है। मवेशियों का पालन लोग धनोपर्जन के लिए करते है, लेकिन कई पशु पालक ऐसे है जो दुधारू मवेशियों का दूध निकाल कर राम भरोसे चरने को छोड़ देते है। इतना ही नहीं यह मवेशी जगह-जगह गंदगी भी फैला देते है, जिससे वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन पशुओं के जमावड़े से मुख्य बस स्टैंड ट्रैफिक व्यवस्था भी गड़बड़ा जाती है। इन मवेशियों सह किसानों के फस सब्जी विक्रेता एवं मुख्य बाजार के व्यापारी तथा ग्रामीण परेशान है ।
प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी आँखे मुंदे बैठा है, जिससे ग्रामीणों में रोष है। मवेशियों का पालन लोग धनोपर्जन के लिए करते है, लेकिन कई पशु पालक ऐसे है जो दुधारू मवेशियों का दूध निकाल कर राम भरोसे चरने को छोड़ देते है। इतना ही नहीं यह मवेशी जगह-जगह गंदगी भी फैला देते है, जिससे वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन पशुओं के जमावड़े से मुख्य बस स्टैंड ट्रैफिक व्यवस्था भी गड़बड़ा जाती है। इन मवेशियों सह किसानों के फस सब्जी विक्रेता एवं मुख्य बाजार के व्यापारी तथा ग्रामीण परेशान है ।
गो-सेवा संघ ने करवाया उपचार
मवेशी जब किसी किसान के खेतों में या घरों में घूस जाते है तो कभी-कभी उन्हें भी जुल्म का सामना करना पड़ता है, गत दिनों ऐसा ही वाक्या देखने को मिला की गाय का बछड़ा किसी खेत में चरने के लिए घूस गया, जिसे कास्तकार की चोट का सामना करना पड़ा, जब पत्रिका टीम ने मौके पर बछड़े के पांव से रिसते खून को देखा तो उन्होंने गो-सेवा संघ तहसील अध्यक्ष को इसकी सूचना दी। जिस पर गो-सेवा संघ के कार्यकर्ताओं ने पशु चिकित्सक की सहायता से उपचार करवाया।
मवेशी जब किसी किसान के खेतों में या घरों में घूस जाते है तो कभी-कभी उन्हें भी जुल्म का सामना करना पड़ता है, गत दिनों ऐसा ही वाक्या देखने को मिला की गाय का बछड़ा किसी खेत में चरने के लिए घूस गया, जिसे कास्तकार की चोट का सामना करना पड़ा, जब पत्रिका टीम ने मौके पर बछड़े के पांव से रिसते खून को देखा तो उन्होंने गो-सेवा संघ तहसील अध्यक्ष को इसकी सूचना दी। जिस पर गो-सेवा संघ के कार्यकर्ताओं ने पशु चिकित्सक की सहायता से उपचार करवाया।