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Train accident: पैर फिलसने से तारों पर झूला मजदूर, ट्रेन की चपेट में आने से पैरा कटा, मौके पर मौत

locationबस्सीPublished: Jul 23, 2019 08:25:54 pm

Submitted by:

Teekam saini

नहीं पहुंचा प्रशासन, एक घंटे तक झूलता रहा शव, पौने 2 घंटे तक रुकी रही मथुरा पैसेंजर ट्रेन, भड़के रेल यात्रियों ने हंगामा कर मालगाड़ी को रोका।

The death of the laborer from the grip of the train

-ahead-of-the-train

बांसखोह (Train accident) . बांसखोह रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार दोपहर को रेलवे विधुत लाइन पर कार्य करने के दौरान इलाहाबाद एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से एक मजदूर की मौत (The death of laborer) हो गई। मौत के बाद इलाहबाद ट्रेन तो जयपुर की ओर निकल गई, लेकिन पीछे से आ रही मथुरा पैसेंजर ट्रेन घटना स्थल से पहले रुक गई। वहीं मौके पर बड़ी संख्या में रेल यात्री सहित ग्रामीण जमा हो गए। घटना के एक घंटे बाद तक भी विधुत लाइन से झूलते शव को नीचे नहीं उतारा गया। इससे रेल यात्री भड़क गए और दूसरी ओर से आ रही मालगाड़ी को रोक दिया। मामला बिगड़ता देख प्रशासन हरकत में आया। बस्सी थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और रेलवे ट्रैक से भीड़ को हटाकर मालगाड़ी को रवाना किया। मथुरा पैसेंजर को आगे बढ़ाकर उसके इंजन पर चढ़कर रेलवे विधुत लाइन पर झूल रहे मजदूर के शव को नीचे उतारा। दोपहर बाद बस्सी सीएचसी में पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया।
जानकारी के अनुसार जयपुर-बांदीकुई लाइन पर विधुतीकरण का कार्य चल रहा है। इस दौरान पश्चिमी बंगाल के किरीबेड़ा निवासी जुरहन चन्द्रा मांझी (22) अन्य मजदूर साथियों के साथ नई रेलवे विधुत लाइन पर मरम्मत कार्य कर रहा था। कार्य के दौरान मजदूर मांझी ने सेफ्टी बैल्ट भी लगा रखी थी। दोपहर लगभग 12.30 बजे ट्रैक पर दौसा से जयपुर की ओर इलाहबाद एक्सप्रेस गुजरी। ट्रेन के आने पर अचानक मजदूर का पैर विधुत लाइन से फिसल गया। संतुलन बिगडऩे पर वह सेफ्टी बैल्ट के साथ विधुत लाइन पर झूल (hanging workers on electric wires) गया। तब तक आधी ट्रेन निकल चुकी थी, ट्रेन के शेष हिस्से से टकराकर मजदूर के शरीर के चिथड़े से उड़ गए। टक्कर के साथ ही मजदूर का एक पैर 100 फीट दूर जा गिरा। शरीर के अन्य हिस्सों से भी लोथड़े दूर जा गिरे।
फिर गुस्साएं रेल यात्री, रोकनी पड़ी दूसरी ट्रेन
घटना के बाद इलाहाबाद ट्रेन तो गुजर गई, लेकिन पीछे से आ रही मथुरा पैसेंजर ट्रेन घटना स्थल के पास ही रुक (Second train to stop) गई। इसमें बैठी सवारियां भी घटना को देखने नीचे उतर गई। घटना दोपहर करीब 12.30 बजे की थी, लेकिन 1.30 बजे तक रेलवे का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। फिर तब तक लाइन पर झूल रही लाश को नीचे भी नहीं उतारा गया। इससे ट्रेन आगे नहीं बढ़ सकी। गुस्साएं मथुरा पैसेंजर के यात्रियों ने जयपुर से दौसा की ओर जा रही मालगाड़ी को भी रोक दिया। इससे मामला गंभीर होता गया। मामले बढ़ता देखते हुए मौके पर पहुंचे जटवाड़ा चौकी प्रभारी प्रेमनारायण ने बस्सी थाने को सूचना दी। मौके पर पहुंचे बस्सी थाना प्रभारी अनिल विश्नोई ने रेल पटरी से भीड़ को हटाया और मालगाड़ी को रवाना किया। इसके बाद मथुरा पैसेंजर ट्रेन को आगे बढ़ाकर उसके इंजन पर चढ़कर विधुत लाइन पर झूल रहे शव को रस्सों की मदद से नीचे उतारा गया। फिर इसके बाद मथुरा पैसेंजर ट्रेन भी रवाना हो हुई। घटना के दौरान जटवाड़ा रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेनों को रोक दी गई।
जयपुर-आगरा राजमार्ग पर भी लगा जाम
बांसखोह रेलवे स्टेशन एवं काली फाटक के बीच का यह घटना स्थल जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग से महज 100 मीटर की दूरी पर ही स्थित है। राजमार्ग पर भी वर्तमान में सड़क मरम्मत कार्य के चलते आने जाने वाले वाहन एक ही मार्ग से गुजर रहे थे। इसी दौरान विधुत लाइन पर झूलते मजदूर को देखने के लिए राजमार्ग पर भी वाहन चालकों ने अपने वाहन रोक दिए। इससे राजमार्ग पर जाम (Jammed on the highway) लग गया। काफी मशक्कत के बाद राजमार्ग को सुचारू कराया। उल्लेखनीय है कि डेढ़ वर्ष पूर्व भी बांसखोह स्टेशन के पास रेल पटरियों पर मरम्मत कार्य के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद मरम्मत कार्य देख रही कम्पनी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह ही नजर आई।

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