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कृषि जिंसों को लेकर भटकते है यहां के अन्नदाता

locationबस्सीPublished: Jul 09, 2020 10:06:29 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

कृषि मंडी का अभाव, किसान परेशान, सरकार को होता है राजस्व का नुकसान, अपने कृषि उत्पाद कस्बे से 30 किमी दूर शाहपुरा या 45 किमी दूर पावटा बेचने जाना पड़ता

कृषि जिंसों को लेकर भटकते है यहां के अन्नदाता

कृषि जिंसों को लेकर भटकते है यहां के अन्नदाता

विराटनगर। यहां के किसान (अन्नदाता) अपनी उपज पकने के बाद उसे बेचने के लिए भटकते नजर आते हैं, क्योंकि उन्हे कोई ठोर ठिकाना नहीं मिलता। उपखंड क्षेत्र में कृषि मंडी का अभाव होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अपने कृषि उत्पाद कस्बे से 30 किमी दूर शाहपुरा या 45 किमी दूर पावटा बेचने जाना पड़ता है। इस कारण किसानों को समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसानी भी झेलना पड़ रही है, क्योंकि अन्य स्थानों पर ले जाने के लिए वाहन किराए के लेना पड़ते हैं।
उपखंड क्षेत्र की करीब 70 प्रतिशत आबादी किसान एवं मजदूर वर्ग है। जिसका जीवन यापन का मुख्य धंधा कृषि एवं पशुपालन है। छोटे कृषकों को अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता, मंडी नहीं होने पर औने-पौने दामों पर स्थानिय व्यापारियों को बेचते हैं। इस कारण सरकार को राजस्व का हानी भी होती है।
प्लेट फार्म बनाकर छोड़ा
क्षेत्र के किसानों की समस्या को देखते हुए करीब पांच वर्ष पूर्व सरकार ने मैड़ कस्बे के पास पालडी तिराये पर करोडों रुपये की लागत से मंडी निर्माण कार्य शुरू करवाया था। जिसमें चारदिवारी सहित प्लेट फार्म एवं पानी की टंकी सहित अन्य कार्य करवाए थे, लेकिन मंडी निर्माण मामला न्यायालय में चले जाने के कारण अभी मंडी का संचालन अधर में पड़ा है।
मुख्य कृषि जिंस की पैदावार
क्षेत्र में कृषि जिंसों में बाजरा, च्वार, जौ एवं गेहूं की मुख्तया पैदावार अच्छी होती है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में सब्जी की पैदावार भी रिकार्ड स्तर पर होती है। यहां मैड़ कुंडले में मटर, टिंडा, मिर्च की फसल देश के विभिन्न राज्यों में जाती है। वहीं विराटनगर क्षेत्र में गोबी की खेती होती है।
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