बाद में प्रधान नंदलाल गोठवाल एवं विकास अधिकारी सत्यनारायण सैनी से मिलकर पंचायतों के खातों में किस्त शीघ्र डालने की मांग की। सरपंच संघ के अध्यक्ष घोसल्या, संरक्षक छारसा सरपंच सीताराम पांडला ने कहा कि केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग के तहत पंचायतों को विकास कार्यों के लिए मिलने वाली किस्त करीब 1 माह पहले राज्य सरकार को जारी कर दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने पंचायतों के खातों में सीधा ना डालकर पंचायत समिति के पीडी अकाउंट में किस्त ट्रांसफर की।
कई बार विकास अधिकारी से मिलने के बाद भी करीब 15 दिन गुजर जाने के बाद तक पंचायतों के खातों में राशि ट्रांसफर नहीं करने के कारण ग्राम पंचायतों में चल रहे विकास कार्य ठप पड़े हैं। वहीं वार्ड पंच सरपंच आदि को मिलने वाला भत्ता व मानदेय भी नहीं मिल पा रहा है।
अमरसर ग्राम पंचायत के सरपंच ओमप्रकाश सैनी ने उक्त मामले की जानकारी विधायक आलोक बेनीवाल को भी दी। जिस पर बेनीवाल ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से बात कर पंचायतों की किस्त शीघ्र डलवाने का भरोसा दिलाया।
साथ ही विधायक ने पंचायत समिति के विकास अधिकारी को दूरभाष पर शीघ्र पंचायतों के खातों में किस्त डालने के निर्देश दिए। जिस पर विकास अधिकारी सैनी ने ग्राम पंचायतों के बिल तैयार करके राशि ट्रांसफर के लिए ट्रेजरी में भिजवाने की बात कही।
इस दौरान विकास अधिकारी ने बताया कि सरकार के द्वारा 50 प्रतिशत राशि ही पंचायतों के खाते में डालने के निर्देश है। जो एक-दो दिन में शीघ्र ट्रेजरी के माध्यम से ट्रांसफर कर दी जाएगी।
धरने की दी चेतावनी सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने 7 दिसंबर तक पंचायतों के खातों में किस्त की राशि नहीं आने पर अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि साथ ही पंचायत राज के चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे।
इस मौके पर धानोता सरपंच श्रीराम घोंसल्या, उदावाला के सरपंच राधेश्याम, सुराना के रघुवीर सिंह, नाथावाला के मंगलचंद शेरावत, साईवाड़ की राजश्री पारीक, बिशनगढ़ की ममता वर्मा, गोविंदपुरा बांसड़ी के जहूर चौधरी, खोरी के वार्ड पंच छीतरमल यादव, घासीपुरा सरपंच कैलाश चंद मीणा सहित कई सरपंच मौजूद थे।