scriptबिना पेट्रो्ल डीजल के सरपट दौड़ रहा ये वाहन | This vehicle is galloping without petrol diesel | Patrika News

बिना पेट्रो्ल डीजल के सरपट दौड़ रहा ये वाहन

locationबस्सीPublished: Jan 24, 2022 10:32:25 pm

Submitted by:

Narottam Sharma

लोगों की लाइफलाइन बन रहे इलेक्ट्रिक व्हीकल अभी ग्रामीण इलाकों से अछूते हैं। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के इस दौर में जहां ई-रिक्शा शहरों में सरपट दौड़ रहा है वहीं गांव-कस्बों में इसका चलन कम ही है।

शाहपुरा में बस स्टैण्ड पर खड़े ई-रिक्शा।

शाहपुरा में बस स्टैण्ड पर खड़े ई-रिक्शा।

जयपुर. शहरों में लोगों की लाइफलाइन बन रहे ई-रिक्शा सहित इलेक्ट्रिक व्हीकल अभी ग्रामीण इलाकों से अछूते हैं। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के इस दौर में जहां ई-रिक्शा (e-rickshaw News) शहरों में सरपट दौड़ रहा है वहीं गांव-कस्बों में इसका चलन कम ही है। जयपुर ग्रामीण अंचल के शाहपुरा, कोटपूतली, चौमूं, दूदू इलाकों में वर्तमान में करीब एक हजार से 1500 ई-रिक्शा चल रहे हैं। जबकि राजधानी जयपुर में इसका आंकड़ा हजारों में है। ई-रिक्शा में लोगों के साथ काफी मात्रा में माल का भी परिवहन किया जा सकता है। सस्ता होने के साथ यह काफी फायदेमंद भी है, लेकिन चार्जिंग की समस्या होने से लोग इसमें कम ही रुचि दिखा रहे हैं। यदि ग्रामीण इस ओर ध्यान दें तो उन्हें परिवहन में काफी सहुलियत मिल सकती है।
लागत में भी है फायदेमंद
पेट्रोल-डीजल वाहन पर प्रतिकिलोमीटर लागत जहां 5 रुपए से 10 रुपए तक आती है वहीं इसमें प्रतिकिलोमीटर लागत लगभग एक रुपए आती है।

परिवहन का बेहतर साधन
गांवों में परिवहन के साधनों का भी अभाव रहता है, जिससे लोगों को आनेजाने में परेशानी होती है। ई-रिक्शा के जरिए इस समस्या को भी दूर किया जा सकता है।
रोड टैक्स में छूट, केवल पंजीयन व फिटनेस शुल्क
सरकार ने ई-व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए ई-रिक्शा रोड को भी रोड टैक्स में छूट दी है। इसके लिए केवल पंजीकरण शुल्क व फिटनेस के 920 रुपए वसूले जाते हैं।
जिले में ई-रिक्शा का हाल
जयपुर में वर्तमान में परिवहन विभाग में पंजीकृत ई-रिक्शा करीब 17000 हैं। जबकि यहां सड़कों पर लगभग 23000 ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। वहीं जिले के शाहपुरा, कोटपूतली, चौमूं, दूदू परिवहन कार्यालयों में पिछले तीन साल में 175 ई-रिक्शा पंजीकृत हुए हैं। जबकि बाहरी इलाकों में रजिस्टर्ड व गैर पंजीकृत की संख्या पन्द्रह सौ के लगभग है। दूदू परिवहन विभाग कार्यालय के अधीन वर्ष 2017, 2019 व 2021 में एक भी ई-रिक्शा पंजीकृत नहीं हुआ। यहां वर्ष 2016 में 6, 2018 में मात्र एक का पंजीयन हुआ।
परिवहन कार्यालयों में रजिस्ट्रेशन
कोटपूतली
वर्ष : पंजीयन
2019 : 12
2020 : 30
2021 : 30

शाहपुरा
वर्ष : पंजीयन
2019 : 17
2020 : 17
2021 : 24

चौमूं
वर्ष : पंजीयन
2020 : 20
2021 : 05
दूदू
वर्ष : पंजीयन
2019 : 00
2020 : 12
2021 : 00
इनका कहना है…
ग्रामीण इलाके में लोग ई—रिक्शा में रुचि नहीं दिखा रहे और किसानों व अन्य लोगों को इसकी इतनी जरूरत भी नहीं महसूस हो रही। दुपहिया वाहनों का अधिक उपयोग हो रहा है।
— दिनेश मिश्रा, निरीक्षक, परिवहन विभाग दूदू
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