Tobacco Ban जमवारामगढ़ उपखंड क्षेत्र में जहां सेल्समैनों ने प्रति पैकेट 40 से 50 रुपए बढ़ा दिए हैं, वहीं विक्रेता प्रति पाउच इनका दोगुना मूल्य तक ले रहे हैं। बस्सी में 10 रुपए वाली सिगरेट के 15 रुपए तक देने पड़ रहे हैं। गुटखे के पाउच पर भी 3 से 4 रुपए अधिक लिए जा रहे हैं। चाकसू कस्बा क्षेत्र भी इस कालाबाजारी से प्रभावित हो रहा है।
रायसर और उसके आसपास के अंचलों में हानिकारक तत्व वाले पान मसाले और फ्लेवर्ड सुपारी पर प्रतिबंध की घोषणा के बावजूद बाजार में धडल्ले से बेचे जा रहे हैं। प्रतिबंध की घोषणा के बाद से ही यहां क्षेत्र के पान मसाला कारोबारियों और थोक विक्रेता दुकानदार गुटखा की कालाबाजारी कर रहे हैं। यहां अंकित मूल्य से दोगुने दामों पर गुटखा बेचा जा रहा है। Tobacco Ban In Rajasthan इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। रायसर, सामरेडकला, लूनेठा, चिलपली मोड़, बहलोड़, माथासूला, दौसा-मनोहरपुरा हाईवे सहित अन्य क्षेत्र में सेल्समैन और दुकानदार मनचाहे मूल्य पर गुटखा बेचने लगे हैं। black marketing increased tobacco and pan masala बड़े दुकानदार तो गुटखा को अपनी दुकानों से हटाकर अन्य जगह स्टॉक कर ब्लैक कर रहे हैं।
सेल्समैन छोटे रिटेलर दुकानदारों को अंकित मूल्य से भी अधिक पर गुटखा और तम्बाकू बेच रहे हैं। यहां आसपास के गांवों और एनएच 148 पर कहीं दुकानों से गुटखा हटा लिया है, तो कही सामने ही लटका दिख रहा है। दुकानदार पहले जो गुटखा 5 रुपए में बेच रहे थे वो अब 10 रुपए में बेच रहे हैं। बस्सी के चक रोड रोड स्थित दुकान और थडिय़ों के अलावा मुख्य बाजार क्षेत्र में कुछेक दुकानों पर तम्बाकू उत्पादों के पाउच या स्टॉक नजर आ रहा है। प्रतिबंध की चर्चाओं के बीच उपखंडों के अंचलों के अधिकांश व्रिकेताओं ने अपनी दुकान और थडिय़ों से तम्बाकू उत्पाद हटा लिए है लेकिन दूसरे स्थानों पर स्टॉक भी कर लिया है।
बस्सी और चाकसू में सिगरेट का रेट 10 से सीधा 15 रुपए कर दिया गया है। गांव-ढाणियों में तो गुटखा पाउच पर 4 से 5 रुपए तक अधिक वसूले जा रहे हैं। तम्बाकू सेवन के आदी ग्रामीण आदत के चलते इसे बर्दाश्त भी कर रहे हैं। कोई विरोध करता भी है तो उसे विक्रेता खाली हाथ लौटा देते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सिगरेट से ज्यादा बीड़ी का सेवन अधिक होता है, ऐसे में व्रिकेताओं ने इस पर भी ‘अपना रेट’ लगाना शुरू कर दिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में इनका सेवन करने वालों को कई व्रिकेता प्रतिबंध की बात कहकर भ्रमित कर रहे हैं। ‘तम्बाकू, पान मसाला और सुपारी को सरकार ने बंद कर दिया’ यह कहकर कालाबाजारी कर रहे हैं। ऐसे में तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वालों को समझना होगा कि प्रतिबंध से पहले खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाजार से सैम्पल लेकर जांच की जाएगी। जांच में सैम्पल फेल होने पर उस पर प्रतिबंध लागू हो जाएगा।