विरोध के बाद गड्ढों में किया था पेचवर्क
हालांकि विभाग ने पिछले साल पेचवर्क किया था, लेकिन उसमें महज मिट्टीयुक्त कंक्रीट डालकर इतिश्री कर ली गई थी। जो बारिश में वापस नजर आने लगे है। कंक्रीट उखडऩे से दुपहिया वाहनों के फिसलने का भी डर बना हुआ है।
यहां ज्यादा परेशानी
रोड पर पंचायत समिति शाहपुरा के पास, रामेश्वरदासजी मंदिर के पास, रानीजी वाली ढाणी के पास, कॉलेज मोड़, नाथावाला बस स्टैंड पर गहरे गड्ढे है। जिनमें बारिश का पानी भर गया है।
मानसून की बारिश में होगी ज्यादा समस्या
ग्रामीणों ने बताया कि हल्की बारिश में ही सड़क की हालत खराब हो रही है तो मानसून की बारिश में समस्या ज्यादा गहराएगी। ग्रामीणों ने प्रशासन से मानसून की बारिश से पहले सड़क को ठीक करवाने की मांग की है।
2007 में लगाया गया था टोल
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2007 में अजीतगढ-शाहपुरा स्टेट हाइवे बनने के दौरान त्रिवेणीधाम व सामोद के समीप राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से टोल बूथ लगाया गया। कुछ समय आरएसआरडीसी ने स्वयं चलाया, लेकिन इसके बाद यहां टेंडर पर टोल संचालित होने लगा। यहां सड़क तो बनाई, लेकिन बनने के बाद क्षतिग्रस्त सड़क की सुध नहीं ली। टोल शुरू होने के समय सड़क निर्माण पर 22.63 करोड़ रुपए का खर्चा आया था, इसके बाद 1३ वर्षों से लगातार टोल वसूली हो रही है।