शाहपुरा के राडावास निवासी एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्र बलवीर सिंह शेखावत व तेजपुरा निवासी पवन चाहर ने फोन पर बताया कि वे कीव से दूर उजगोरोद विवि में है। एक दिन पहले तक यहां सबकुछ ठीक था, लेकिन कीव में शुक्रवार को हुए धमाकों के बाद यहां भी अफरा तफरी सी मच गई है।
हालात इतने भयावह है कि रूस की ओर से कीव में किए गए धमाकों के बाद 800 किलोमीटर दूर यूक्रेन के वेस्टर्न हिस्से उजगोरोद तक अफरातफरी मच गई है। कीव से लोग अपनी जान बचाने के लिए अब उजगोरोद सहित बाहरी इलाकों की तरफ भाग रहे हैं। आवागमन बंद करने से वहां फंसे भारतीय छात्र स्वदेश भी नहीं लौट पा रहे हैं।
छात्रों ने बताया कि युद्ध के चलते लोगों ने सामान का स्टॉक कर लिया और बाहर से सामान आ नहीं रहा, जिससे मॉल्स में राइस सहित खाने, पीने का सामान लगभग समाप्त हो गया है, जिससे भोजन का भी संकट पैदा हो गया है। रोजमर्रा की सभी चीजें महंगी हो गई है। युद्ध के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी 13 मार्च तक के लिए कक्षाएं बंद कर छुटटी कर दी। दो दिन से उनको बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। इसलिए कमरे ही बंद रहना पड़ रहा है ।
एटीएम में पैसे खत्म, छात्रों के सामने पैसे का भी संकट युक्रेन में फंसे राडावास शाहपुरा निवासी मेडिकल छात्र बलवीर सिंह शेखावत ने बताया कि हमले के बाद से बैंकों में पैसे निकालने वालों की कतारें लगी हुई है और एटीएम में पैसे खत्म हो गए। ऐसे में अब यहां फंसे छात्र पैसे तक नहीं निकाल पा रहे। जबकि खाने, पीने के सामान कई गुना महंगे होने से पैसे खत्म होते जा रहे हैं। ऐसे में अब पैसे का भी संकट पैदा हो गया है।अब उनको सुरक्षित स्वदेश वापसी की चिंता सता रही है। छात्रों ने भारत सरकार से मदद की गुहार की है।
परिजनों की बढ़ी चिंता, सुरक्षित वापसी के लिए मंदिरों में लगा रहे धोक
मेडिकल की पढ़ाई करने विदेश गए अपने लाडलों के वहां फंसने से अब परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। राडावास निवासी छात्र बलवीर सिंह के पिता फतेह सिंह शेखावत ने बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद से सभी परिजन लगातार फोन पर संपर्क में है। हालांकि उजगोराद में अभी तक हालात इतने खराब नहीं है, लेकिन स्वदेश वापसी की चिंता सता रही है। छात्र के परिजन मंदिर में धोक लगाकर उसके सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं। यहीं हाल तेजपुरा निवासी मेडिकल छात्र पवन चाहरके परिजनों का है। पवन के पिता प्रहलाद ने बताया कि बेटे को लेकर हर पल परिवार के लोग बेचैन हो रहे हैं । बार-बार मोबाइल से संपर्क कर सुरक्षित रहने को कह रहे हैं।
मेडिकल की पढ़ाई करने विदेश गए अपने लाडलों के वहां फंसने से अब परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। राडावास निवासी छात्र बलवीर सिंह के पिता फतेह सिंह शेखावत ने बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद से सभी परिजन लगातार फोन पर संपर्क में है। हालांकि उजगोराद में अभी तक हालात इतने खराब नहीं है, लेकिन स्वदेश वापसी की चिंता सता रही है। छात्र के परिजन मंदिर में धोक लगाकर उसके सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं। यहीं हाल तेजपुरा निवासी मेडिकल छात्र पवन चाहरके परिजनों का है। पवन के पिता प्रहलाद ने बताया कि बेटे को लेकर हर पल परिवार के लोग बेचैन हो रहे हैं । बार-बार मोबाइल से संपर्क कर सुरक्षित रहने को कह रहे हैं।
छात्रों के 4 दिन में स्वदेश लौटने की उम्मीद
राडावास निवासी छात्र बलवीर सिंह शेखावत ने बताया कि यूक्रेन के उजगोराद विवि में भारत के बहुत से छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। जिनमें 30 से 40 छात्र जयपुर जिले के बताए जा रहे हैं। बलवीर व उसका साथी तेजपुरा निवासी पवन चाहर एक कमरे में रहते हैं। उनके पास पास ही दूसरे कमरे में रामपुरा डाबड़ी के छात्र धीरज कुमावत और श्रीमाधोपुर निवासी राकेश रहते हैं। चारों वहीं फंसे हुए है। बलवीर ने बताया कि अब तक विवि के 240 छात्र स्वदेश के लिए रवाना हो चुके। अब विवि प्रशासन का कहना है कि चार दिन में सभी भारतीय छात्रों की स्वदेश वापसी हो जाएगी।
कीव में धमाकों के बाद 800 किमी दूर तक मची भगदड़, रात को कफ्र्यू
छात्र बलवीर ने बताया कि कीव में कीव में हुए धमाकों के बाद 800 किलोमीटर दूर यूक्रेन के वेस्टर्न हिस्से उजगोरोद तक अफरातफरी व भगदड़ मच गई है। यहां दो दिन पहले तक सब सामान्य था, लेकिन शुक्रवार को कीव से लोग जान बचाने के लिए भागकर यहां बाहरी इलाकों की तरफ आने लगे हैं। जिससे दिन में सडक़ों पर ट्रेफिक बढ़ गया। शाम को ७ बजे बाद यहां कफ्र्यू लगा दिया गया। ताकि कोई बाहर नहीं जा सके।
छात्र बलवीर ने बताया कि कीव में कीव में हुए धमाकों के बाद 800 किलोमीटर दूर यूक्रेन के वेस्टर्न हिस्से उजगोरोद तक अफरातफरी व भगदड़ मच गई है। यहां दो दिन पहले तक सब सामान्य था, लेकिन शुक्रवार को कीव से लोग जान बचाने के लिए भागकर यहां बाहरी इलाकों की तरफ आने लगे हैं। जिससे दिन में सडक़ों पर ट्रेफिक बढ़ गया। शाम को ७ बजे बाद यहां कफ्र्यू लगा दिया गया। ताकि कोई बाहर नहीं जा सके।