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मौब चिलिंग की घटना के बाद नायाब तरीका, गो तस्करी का गढ बन रहा दिल्ली हाइवे

अजीतगढ़-शाहपुरा और जयपुर-दिल्ली हाइवे रूट भाया
शाहपुरा पुलिस ने बीते तीन साल में 283 गौवंश कराया मुक्त

बस्सीFeb 22, 2020 / 11:19 pm

Surendra

मौब चिलिंग की घटना के नायाब तरीका, गो तस्करी का गढ बन रहा दिल्ली हाइवे

शाहपुरा. अलवर में हुई मौब चिलिंग की घटना के बाद गो तस्करों ने भी तस्करी के लिए नित नए हथकंड़े अपनाना शुरू कर दिया है। पहले खुली गाडिय़ों में ही परिवहन किया जाता था। मवेशियों के रंभाने की आवाज नहीं आए इसके लिए अब बंद गाडिय़ों का इस्तेमाल किया जा रहा है। तस्करों के लिए फिलहाल सीकर सीमा से होकर अजीतगढ़-शाहपुरा व जयपुर-दिल्ली हाईवे का रूट पसंददीदा बना हुआ है। तस्कर नागौर व सीकर जिलें के कई थानों की पुलिस को गच्चा देकर जयपुर सीमा में पहुंच रहे हैं। यहां शाहपुरा थाना पुलिस ने महज तीन साल में जयपुर-दिल्ली हाइवे व अजीतगढ़-शाहपुरा हाईवे पर लोडिंग वाहनों में भरे 283 गौवंश को मुक्त कराया है। साथ ही 22 आरोपितों को गिरफ्तार कर 16 मुकदमें भी दर्ज किए हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोवंश तस्कर कितने सक्रिय है।
सीकर, नागौर से पहुंचा गौवंश से भरा ट्रक

शनिवार को शाहपुरा थाने की त्रिवेणी पुलिस चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक कैलाशचंद मीणा ने बीती रात अजीतगढ़-शाहपुरा स्टेट हाईवे पर गौवंश से भरा एक ट्रक पकड़ा, जो सीकर व नागौर जिले के कई पुलिस थानों के सामने से गुजर कर यहां तक पहुंच गया। हालांकि शाहपुरा पुलिस के चंगुल से गौवंश तस्कर बच नहीं पाए। पुलिस ने कंटेनर में भरे 22 गौवंश मुक्त कराकर 2 जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गौवंश को आंतेला के पास नीलकाधाम गौशाला में छोड़ा है। ट्रक में दो गौवंश मरे हुए मिले हैं। गिरफ्तार आरोपी यूपी निवासी इस्लाम खां, असलम खां है। हाइवे पर दूदू से लेकर शाहपुरा थाने के बीच तीन-चार स्थानों पर पुलिस पेट्रोलिंग गश्ती दल भी तैनात रहती है। बावजूद इसके गोतस्कर शाहपुरा व इससे आगे तक पहुंच रहे हैं। त्रिवेणी चौकी प्रभारी एवं उपनिरीक्षक कैलाशचंद मीणा ने बताया कि आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वे पहले भी कई बार गौवंश आगरा, मेरठ, बुलन्दशहर व बिहार में पहुंचा चुके हैं।
तस्करी के लिए नायाब तरीका

गौवंश की तस्करी के लिए तस्कर गिरोह नए-नए तरिके भी अपना रहे हैं। शाहपुरा थाने की पुलिस की कार्रवाई में यह सामने आया है कि तस्कर कंटेनर की बॉडी में अलग-अलग पार्ट रखते हैं। बॉडी को इस तरह पैक रखते है कि किसी को संदेह नहीं हो सके। कंटेनर की बॉडी पर लोहे का जाल भी डालकर गौवंश की तस्करी करना सामने आया है। ट्रकों में गौवंश को क्रुरता पूर्वक ठूंस-ठूंसकर भरा जाता है। शनिवार को पकड़े कंटनेर में गौवंश के मुंह रस्सी से बांधे हुए थे। ताकि वे रम्भा न सके।पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में गोवंश को नागौर के पास से बिहार ले जाना बताया है।
इन थाना इलाकों से गुजरे गोतस्कर

शाहपुरा थाना इलाके की त्रिवेणी चौकी तक पहुंचे गोतस्कर नागौर व सीकर जिले के कई पुलिस थाना इलाकों से होकर गुजरे। नागौर से रवाना होकर सीकर पहुंचे, यहां अजीतगढ़ होते हुए त्रिवेणी चौकी तक आए। इस रूट पर दातारामगढ़, खंडेला, श्रीमाधोपुर, अजीतगढ़, रानोली सहित कई पुलिस थानों सहित चौकियां है। वहीं दूदू थाने में 2018 में गोवंश के दो मामले दर्ज कर 4 तथा 2019 में 1 मामला दर्ज कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं 2017 और 2020 में गोवंश तस्करी का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
शाहपुरा थाना क्षेत्र

वर्ष दर्ज मुकदमें पकड़े गौवंश गिरफ्तार आरोपी

2017 5 118 5
2018 4 15 6
2019 6 128 9
2020 1 22 2

इनका कहना है-

गौवंश की तस्करी को लेकर पुलिस सख्त है। तीन साल में 283 गौवंश को मुक्त कराया गया है। बीती रात को गौवंश से भरे कंटेनर को पकड़कर दो जनों को गिरफ्तार भी किया है।
महेन्द्र सिंह, थानाप्रभारी, शाहपुरा

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