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दावों को हकीकत की दरकार, बिना कर्मचारियों के कैसे हो उपचार

चिकित्सा विभाग : मरीजों को नहीं मिल रही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं, चिकित्साकर्मियों की कमी के साथ पर्याप्त संसाधन भी नहीं

बस्सीSep 03, 2018 / 10:07 pm

Santosh

दावों को हकीकत की दरकार, बिना कर्मचारियों के कैसे हो उपचार

विराटनगर. ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के सरकार एवं चिकित्सा विभाग के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। विराटनगर ब्लॉक में सरकार ने करीब चार साल पहले चार उप स्वास्थ्य केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत किया था। मगर क्रमोन्नति के 4 साल बाद भी 2 पीएचसी खुद के भवन को तरस रही है। दोनों पीएचसी उप स्वास्थ्य केन्द्र के भवन में संचालित हो रही हैं। वहीं ब्लॉक के 11 उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर एएनएम के पद खाली होने से ताले लटके हुए हैं। इतना ही नहीं ब्लॉक में आधा दर्जन से अधिक महिला स्वास्थ्य निरीक्षक के पद भी रिक्त हैं। ऐसे में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलने की बात करना बेमानी होगी। पर्याप्त संसाधनों का अभाव भी कोढ़ में खाज का काम कर रहा है।
यहां हैं रिक्त पद
जानकारी के अनुसार ब्लॉक में 49 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं। इनमें से करीब 49 उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर एएनएम के पद खाली है। जिनमें श्यामपुरा, छापुड़ा, बिहाजर, टोरडा, जवानपुरा, नवरंगपुरा, भामोद, बागावास चौरासी, पापड़ा, लाखावाला, बजरंगपुरा शामिल है। जहां एएनएम के पद रिक्त हैं। इससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
फैक्ट फाइल…
49 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं विराटनगर ब्लॉक में
11 उपस्वास्थ्य केन्द्रों में नहीं एएनएम
06 महिला स्वास्थ्य निरीक्षक के पद भी रिक्त
02 पीएचसी के पास चार साल से खुद का भवन

क्रमोन्नत कर भूले
चार साल पहले तेवड़ी, आमलोदा, लुहाकणा व जयसिंहपुरा उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत किया गया था। इनमें से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तेवड़ी और आमलोदा के लिए भवन का निर्माण नहीं हुआ है। क्रमोन्नति के बाद भी दोनों पीएचसी उपस्वास्थ्य केन्द्र में संचालित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वाहवाही लूटने के फेर में विभाग ने स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रमोन्नत तो कर दिया मगर सुविधाएं देना भूल गए।
यहां नहीं है स्वास्थ्य निरीक्षक
ब्लॉक क्षेत्र में संचालित उप स्वास्थ्य केन्द्रों की मॉनिटरिंग करने व एएनएम के कार्यों की समीक्षा करने के लिए महिला स्वास्थ्य निरीक्षक के 16 पद सृजित हैं। इनमें से बडऩगर, आंतेला, भाभरू, बागावास, मैड़ पीएचसी एवं बीसीएमओ कार्यालय में महिला स्वास्थ्य निरीक्षक के पद रिक्त हैं। इससे चिकित्सा संबंधित कार्यों की समीक्षा नहीं हो पा रही है। इनकी कमी के चलते क्षेत्र में टीकाकरण, मौसमी बीमारियों का सर्वें जैसे आवश्यक कार्य भी समय पर नहीं हो पा रहे हैं।
इनका कहना है…
तेवड़ी में स्वास्थ्य केन्द्र के लिए भूमि आवंटित नहीं होने के कारण भवन निर्माण में देरी हो रही है। वहीं आमलोदा में जल्द ही भवन निर्माण करवाया जाएगा। चिकित्साकर्मियों के रिक्त पदों के संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
डॉ. सुनिल सिवोदिया, बीसीएमओ, विराटनगर

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