भूमि, फोटोस्टेट, वकील का मामला अध्यक्ष ने रिपोर्ट में बताया है कि 5 सितंबर 2019 को तत्कालीन उपाध्यक्ष दीपा सैनी व कार्यवाहक ईओ नवीन जांगिड़ ने उच्च न्न्यायालय में विचाराधीन सिविल रिट याचिका में दो अलग अलग वाउचर से एजी एवं सहायक अधिवक्ता को 1 लाख 83 हजार 600 रुपए और एक लाख 22 हजार 400 रुपए का भुगतान कर दिया गया। इस तरह से एक ही प्रकरण में दो बार भुगतान कर दिया। इन प्रकरणों में पालिका उपाध्यक्ष व पूर्व कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी पक्षकार नहीं है। राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से अवाप्त खसरा संख्या 1260 से सम्बन्धित भूमि के मामले में पक्षकार को लाभ पहुंचाने की नीयत से 9 अगस्त 2019 को 7 लाख 66 हजार 821 रुपए का भुगतान कर दिया। फोटोस्टेट के फर्जी बिल तैयार कर एक लाख 26 हजार व नागाजी की गौर शमशन भूमि के जीर्णोद्धार का भी फर्जी बिल बना कर 7 लाख 85 हजार 694 का भुगतान उठा लिया, जबकि शमशन भूमि में कोई जीर्णोद्धार कार्य नहीं करवाया गया। मनमर्जी व तथ्य छुपाने की नियत से डिस्पैच रजिस्टर को जगह जगह खाली छोड़ा गया है।
ईओ की सफाई कार्यवाहक ईओ नवीन जांगिड़ ने फोन पर बताया कि फोटो स्टेट जिस व्यक्ति से कराते थे। उसे 15 अगस्त समारोह की तैयारियों का ठेका दिया गया था। इसलिए उसे फोटो स्टेट के बजाय 15 अगस्त समारोह पर हुए खर्च का भुगतान किया गया था। शमशान जीर्णोद्धार के टैण्डर करके इसका कार्य पूरा होने पर एक्सईएन की अनुमति से भुगतान किया गया था। इसी तरह वकील को भुगतान करने के मामले जांगिड़ का कहना है कि उन्हें इस मामले में देखरेख के लिए ओआईसी नियुक्त किया गया था। इसलिए डीएलबी के मौखिक आदेश पर अलग अलग तारीख पेशी के अनुसार वकीलों को भुगतान किया गया था। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए वित्तिय अनियमितताओं के आरोप बेबुनियाद है। थाना प्रभारी नरेन्द्र कुमार ने इस मामले में रविवार की देर रात रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।