राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के पदाधिकारियों ने 7 सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम मनमोहन मीणा को ज्ञापन भी दिया। जिसमें राजस्व सेवा परिषद के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि 30 सितंबर तक उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हुआ तो 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले प्रशासन गांवों के संग व प्रशासन शहरों के संग अभियान का बहिष्कार किया जाएगा।
इस अवसर पर तहसीलदार संघ के महेश ओला, कानूनगो अध्यक्ष मदनलाल मीणा, पटवार संघ अध्यक्ष इंद्राज मीणा व जयपुर कार्यकारिणी सचिव राजेंद्र कुमार गुर्जर सहित राजस्व कर्मचारियों ने बताया कि राजस्थान राजस्व सेवा परिषद की लम्बे समय से 7 सूत्री मांगे चली आ रही हैं। जिनका निस्तारण नहीं होने से प्रदेश के समस्त राजस्व सेवा परिषद के पदाधिकारियों व सदस्यों में भारी रोष व्याप्त है।
ये है मांगे
उन्होंने बताया कि पटवारी भू-अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार व तहसीलदार के वेतनमान में सुधार करने, 3 जुलाई 2021 के समझौते के अनुसार पटवारी को 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर वरिष्ठ पटवारी, वेतन श्रृंखला एवं 9 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर भूअभिलेख निरीक्षक के पद का वेतन देय के आदेश जारी करने एवं समझौते के समस्त बिंदुओं के शेष आदेश भी जारी किए जाएं,
उन्होंने बताया कि पटवारी भू-अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार व तहसीलदार के वेतनमान में सुधार करने, 3 जुलाई 2021 के समझौते के अनुसार पटवारी को 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर वरिष्ठ पटवारी, वेतन श्रृंखला एवं 9 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर भूअभिलेख निरीक्षक के पद का वेतन देय के आदेश जारी करने एवं समझौते के समस्त बिंदुओं के शेष आदेश भी जारी किए जाएं,
नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित अधिसूचित करते हुए इस पद को 100 प्रतिशत पदोन्नति से व तहसीलदार पद को 50 प्रतिशत पदोन्नति एवं 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरा जाने, परिषद के सभी घटकों की क्रिएटर स्ट्रैंथ में नवीन पदों का सृजन करने, परिषद के घटक संगठनों के समस्त कार्मिकों के लिए स्पष्ट स्थानांतरण नीति बनाने, कोटा संभाग में सवाई माधोपुर के राजस्व कर्मियों के आंदोलन अवधि के समय के असाधारण अवकाश को उपार्जित अवकाश में परिवर्तित करने, पंजीयन का अधिकार पूर्व की भांति उप पंजीयक को ही यथावत रखा जाने की मांगे शामिल हैं।
परिषद के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि उक्त मांगों का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो 27 सितंबर को 1 दिन का पेनडाउन रखकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। यदि 30 सितंबर तक कार्रवाई नहीं होती है तो 2 अक्टूबर से प्रशासन गांवों के संग व शहरों के संग अभियान का बहिष्कार किया जाएगा।