बेरोकटोक बजरी खनन से गिरा जलस्तर, जिम्मेदारों ने मूंदी आंखें
-धड़ल्ले से गुजर रही बजरी से भरी ट्रेक्टर-ट्रॉलिया

शाहपुरा/पावटा। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद जयपुर जिले के पावटा व विराटनगर तहसील क्षेत्र के कई गांवों में बजरी का अवैध खनन व परिवहन बेखौफ जारी है। जबकि इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने कार्रवाई करने के बजाय आंखें मूंद रखी है। दिलचस्प बात तो यह कि यहां खनन करने के बाद बजरी से भरी ट्रेक्टर-ट्रॉलियां मुख्य सड़कों से गुजर रही है। इसके बावजूद अधिकारियों बजरी से भरी ट्रेक्टर-ट्रॉलियों नजर नहीं आती। कार्रवाई नहीं होने से खनन कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है।
पावटा के बनाड़ी बांध, भूरी भडाज, विराटनगर की कांकराना नदी क्षेत्र से बजरी खनन करने के बाद बजरी से भरी ट्रेक्टर-ट्रॉलियां हर रोज की तरह से गुजरी। कांकराना नदी क्षेत्र में तो बहाव क्षेत्र में ही बजरी माफियाओं ने खुदाई कर जगह -जगह मौत के कुए खोद दिए। यहां सबसे अधिक खनन किया जा रहा है। इन खाइयों में गिरने से कभी भी हादसा हो सकता है।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की अनदेखी के कारण बजरी माफिया ने नदी में अवैध खनन कर नदी का स्वरुप ही बिगाड़ दिया। जगह -जगह गहरे गड्ढे करने से बारिश के दिनों में इनमें पानी भरने से यहां से गुजरने वाले लोगों एवं मवेशियों को खतरा बना रहता है। बजरी माफिया ने यहां नदी क्षेत्र में करीब दो किलोमीटर के पेटे में खुदाई कर नदी क्षेत्र को खोखला कर दिया।
पावटा क्षेत्र में भूरी भडाज, रामपुरा, टोरड़ा गुजरान, चांदोली, द्वारिकपुरा, पाछूडाला, कालीबाय सहित करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों में गोचर व कृषि भूमि में खनन हो रहा है। दोनों तहसील क्षेत्रों से हर रोज करीब 200 से अधिक ट्रेक्टर-ट्रॉली बजरी निकाली जा रही है।
दिनोंदिन गिर रहा जल स्तर
बारिश के दिनों में आसपास गांवों के पहाड़ों का पानी इस कांकराना नदी होते हुए छींतोली बांध में जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से बारिश की कमी के चलते नदी में पानी नहीं आया। वर्तमान में नदी क्षेत्र खनन माफियाओं के लिए कामधेनू साबित हो रहा है। लगातार खनन करने से आसपास के इलाके में जल स्तर घटना जा रहा है। बारिश के दिनों में पानी उक्त गड्ढों में ही रुक जाता है।
फेल्सपार पत्थर का भी हो रहा खनन
पावटा के बनाड़ी बांध व बूचारा बांध क्षेत्र में बेशकीमती फेल्सपार पत्थर का भी खनन किया जा रहा है। जिम्मेदारों की अनदेखी से यहां बांध की डूब क्षेत्र का मुआवजा देने के बावजूद लोग धड़ल्ले से खनन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इन पर लगाम लगाने की प्रशासन से मांग की है।
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