scriptहार नहीं मानी थी हमने, युग के चांद सितारों से, मगर अक्सर हार जाते है हम घर के गद्दारों से | We did not give up, we have lost the stars of the age, but we often lo | Patrika News

हार नहीं मानी थी हमने, युग के चांद सितारों से, मगर अक्सर हार जाते है हम घर के गद्दारों से

locationबस्सीPublished: Sep 16, 2018 09:44:03 pm

कस्बे के शाही बाग पैलेस में बीती रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें ओजस्वी कवियों ने श्रोताओं में जोश भरा तो हास्य कवियों ने लोटपोट कर किया। करीब 6 घंटे तक कवियों ने श्रोताओं से जमकर तालियां बटोरी। सम्मेलन में विराटनगर विधायक डॉ. फूलचंद भिंडा, भाजयुमो के प्रदेश मंत्री देवायुष सिंह, पालिकाध्यक्ष रजनी पारीक, तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा सहित हजारों श्रोताओं ने रात भर काव्य पाठ का रसपान किया।

sp

हार नहीं मानी थी हमने, युग के चांद सितारों से, मगर अक्सर हार जाते है हम घर के गद्दारों से

हार नहीं मानी थी हमने, युग के चांद सितारों से, मगर अक्सर हार जाते है हम घर के गद्दारों से
-ओजस्वी कवियों ने भरा जोश, हास्य कवियों ने किया लोटपोट
-कवियों ने जमकर बटोरी तालियां
शाहपुरा.
कस्बे के शाही बाग पैलेस में बीती रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें ओजस्वी कवियों ने श्रोताओं में जोश भरा तो हास्य कवियों ने लोटपोट कर किया। करीब 6 घंटे तक कवियों ने श्रोताओं से जमकर तालियां बटोरी। सम्मेलन में विराटनगर विधायक डॉ. फूलचंद भिंडा, भाजयुमो के प्रदेश मंत्री देवायुष सिंह, पालिकाध्यक्ष रजनी पारीक, तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा सहित हजारों श्रोताओं ने रात भर काव्य पाठ का रसपान किया। वीर रस के कवि भीलवाड़ा के योगेन्द्र शर्मा ने हार नहीं मानी थी हमने, युग के चांद सितारों से, मगर अक्सर हार जाते है हम घर के गद्दारों से। नेहरु जिन्ना बनकर भारत मां को बांट दिया, जिस पेड़ की डाल बैठे थे, उसी डाल को काट लिया..जैसी एक से बढ़कर एक देश भक्ति कविताएं सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया। इस दौरान श्रोताओं से भरा खचाखच पांडाल भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। इधर, नैनिताल से पहुंची कवयित्री हास्य व श्रृंगार रस की काव्यपाठ कर श्रोताओं को गदगद कर दिया। दिल्ली की कवयित्री पद्मनी शर्मा ने पिछले वर्ष ही ब्याहकर लाया नई नवेली.., मठ-मंदिरों को तुमने बाजार बना दिया आदि काव्य पाठ सुनाकर माहौल को हास्यमय बना दिया। बिहार से आए हास्य कवी शंभूशिखर ने सलमान खान व आसाराम पर व्यंग्य करते हुए सुनाया की तुमकों यहां हिरण, मुझको यहां हिरनी फंसा गई, बेटे की चाहत में बेटियों को गर्भ से गिरा दिया आदि कविताएं सुनाई। अलवर से आए कवि विनित चौहान ने वरना हम चाहेंगे तो गर्भ गुमान नहीं होगा, सेना ने ठान लिया तो पाकिस्तान नहीं रहेगा। आतंकी कैसे घुस आए शरहदों में, लगता है चूक हुई है पहरेदारों से, वरना ये खून नहीं बहता भारत मां के लालों का कविता सुनाकर श्रोताओं में जोश भरा। वहीं मनसोर से आए कवि मुन्ना बेटरी और संचालन कर्ता कवि कमल मनोहर ने हास्यपद रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। संचालन के माध्यम से पूरी रात्रि श्रोताओं को बांधे रखा। नैनीताल से आए मोहन मुंतजीर ने भी श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी। आयोजक मनोज टिबेरवाल, सुरेंद्र कोडवानी, सुल्तान पलसानिया, हितेश गर्ग, विरेन्द्र चौधरी, अरुण शर्मा ने कवियों को प्रतीक चिंह, शॉल व गुलदस्ते भेंटकर अभिनंदन किया।

ट्रेंडिंग वीडियो