मौसम अलर्ट, बीमारियों ने दी दस्तक
एक सप्ताह में पीएचसी का आउटडोर मरीजों की संख्या 1284 पहुंची, चिकित्सकों ने दी सावधान रहने की सलाह

आंतेला। मौसम बदलते ही बीमारियों ने दस्तक देना शुरू कर दिया है, इसका सीधा असर आमजन की सेहत पर पड़ रहा है। क्षेत्र में दिन में गर्मी तो रात को सर्दी के कारण लोग खांसी, जुकाम, वायरल व अन्य मौसमी बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। आंतेला, भाबरू, जयसिंहपुरा, बागावास अहिरान, बडनगर आदि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की आउटडोर में वायरल, जुकाम, खांसी के मरीज बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में अधिकांशत: वायरल, खांसी, जुकाम के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। बडनगर पीएचसी में 80-90 बच्चे मौसमी बीमारी से पीडि़त आ रहे हैं। चिकित्सकों ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र में गत एक सप्ताह में आंतेला पीएचसी का आउटडोर 1284 मरीज है। भाबरू पीएचसी में कु छ दिन पहले प्रतिदिन का आउटडोर 150-160 मरीजों तक सीमित था, लेकिन मौसम परिवतज़्न के साथ आउटडोर बढ़ कर 220-225 पार पहुंच गया। इधर ग्राम बडऩगर पीएचसी का गत 11 फरवरी से 17 फरवरी तक आउटडोर 1618 रहा। ऐसे में मौसमी बीमारियों के चलते प्रतिदिन का आउटडोर 290-330 पार है। ऐसे हाल जयसिंहपुरा पीएचसी पर है। यहां भी मौसमी बीमारी के मरीज बढ रहे है
सेहत के लिए बरते सावधानियां
बडऩगर पीएचसी प्रभारी डॉ कानाराम व भाबरू पीएचसी प्रभारी डॉ.रमेश यादव ने बताया कि बदलते मौसम में छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। बच्चों को पानी उबालकर या फिल्टर करके देना चाहिए। नौनिहालों के गिले कपड़े समय पर बदले। बुजुगज़् भी मौसम परिवतज़्न के कारण फल-सब्जियों का अधिक उपयोग करें, तले हुए भोजन से बचे। रात्रि में साधारण भोजन करें।
दर्जा बढ़ा, सुविधाए गौण
इलाके के जयसिंहपुरा केन्द्र को करीब 5 साल पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा तो दे दिया, लेकिन एलएचवी, आशा सुपरवाजर, वार्ड बाय एक पद रिक्त है। पर्याप्त जांच उपकरण व बेड नहीं है। अलग से नि:शुल्क दवा कांउटर नहीं है। सीबीसी जांच उपकरण के अभाव में मरीजों को दूर-दराज स्थित पावटा-कोटपूतली जाना पड़ता है। ऑपरेशन कक्ष तो है लेकिन लेबर टेबल नहीं है। इससे डिलेवरी का आंकड़ा शून्य है।
चिकित्सकों की कमी
क्षेत्र के ग्राम बडऩगर में संचालित पीएचसी में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। वह आयुष चिकित्सक व एचएलवी का पद रिक्त है। ग्राम बडनग़र, तुलसीपुरा, ठिकरिया सहित करीब 30 हजार की आबादी का जिम्मा एक चिकित्सक पर निर्भर है। पीएचसी पर आयुष चिकित्सक सहित दो चिकित्सकों की दरकार है।
झोलाछाप कूट रहे चांदी
बुखार और मौसमी बीमारियों के चलते आसपास के गांवों में खुलेआम झोलाछाप व नीम हकीम चांदी कूट रहे हैं। चिकित्सा विभाग नोटिस देकर कारज़्वाई के नाम पर इतिश्री कर लेता है। ग्रामीणों ने बताया कि चिकित्सा विभाग की अनदेखी से इलाके के ग्राम लाडाका बास, बडनग़र, तुलसीपुरा, भाबरू, जयसिंहपुरा, लुहाकना कलां, बागावास अहिरान, ढाणी गैसकान सहित आसपास के गांवों में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। (नि.सं.)
इनका कहना है कि-
मौसम परिवर्तन से मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। बडनगर पीएससी पर मरीजों का भार अधिक होने से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। वहीं बिना डिग्री के निजी क्लिनिक संचालकों पर शीघ्र संयुक्त टीम गठित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. सुुनील कुमार सिवोदिया,बीसीएमओ, विराटनगर
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