सरकारी अस्पताल में तीन दिन पहले हुई थी अभद्रता उल्लेखनीय है कि कस्बे के सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में शनिवार रात मरीज के साथ आए कुछ युवकों ने ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक से अभद्रता कर दी थी। इससे पहले भी सरकारी व निजी अस्पतालों में चिकित्सकों से अभद्र व्यवहार, मारपीट व तोडफ़ोड़ की घटनाएं हो चुकी है। जिससे आक्रोशित कस्बे के सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ व पैरामेडिकल स्टाफ ने लामबंद होकर पैदल मार्च निकालकर विरोध जताया और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान इस दौरान सरकारी अस्पताल के डॉ. हरीश मोहन मुदगल, डॉ. राजेश दोचाणिया, डॉ. उमेश शर्मा, डॉ. जेपी योगी, डॉ. हरीश वर्मा, डॉ. संजय शेखावत, डॉ. यशवंत चौहान, राजस्थान राज्य नर्सिंग एसोसिएशन के जिला उपाध्यक्ष कैलाश चन्द्र शर्मा व एसोसिएशन के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद शर्मा ने एसडीएम को अवगत कराया कि कस्बे का राजकीय अस्पताल क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां हर वक्त मरीजों व घायलों का दबाव रहता है। इसके बावजूद अक्सर इमरजेंसी में मरीजों व घायलों के साथ कई परिजन जबरन अंदर घुस जाते हैं और चिकित्सक व स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ रामप्रकाश यादव, हरजीत खेरवा, महोश्वरी अम्मा, सुमन कुमारी, सुनील शर्मा समेत कई लोग मौजूद थे।
समाज कंटक व शराबियों पर लगे लगाम चिकित्सक व नर्सिंगकर्मियों ने बताया कि राजकीय अस्पताल शहर के बीचोंबीच स्थित है, इसके बावजूद अक्सर समाजकंटक व शराबी लोग भी अस्पताल में बेवजह आ जाते हैं और चिकित्सक व स्टाफ से अभद्र व्यवहार करते हैं। कई बार गाली गलौंच और मारपीट तक की नौबत आ जाती है। ऐसे में चिकित्सक व स्टाफ उपचार करने से डरने लगे हैं। उनकी कार्य क्षमता भी प्रभावित हो रही है। चोरी व जेब से पैसे निकालने की वारदातें भी होती है।
सरकारी अस्पताल में पुलिस चौकी खोलने की मांग
चिकित्सकों ने सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों व स्टाफ की सुरक्षा के लिए अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी खोलने की मांग की। साथ ही घटनाएं होने पर अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। कार्रवाई नहीं होने पर पूरे ब्लॉक में आंदोलन करने की चेतावनी दी। जिस पर एसडीएम ने कमेटी बनाकर वाजिब मांग बताने को कहा।
चिकित्सकों ने सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों व स्टाफ की सुरक्षा के लिए अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी खोलने की मांग की। साथ ही घटनाएं होने पर अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। कार्रवाई नहीं होने पर पूरे ब्लॉक में आंदोलन करने की चेतावनी दी। जिस पर एसडीएम ने कमेटी बनाकर वाजिब मांग बताने को कहा।
अभद्रता करने पर अधिनियम के तहत हो कार्रवाई
वहीं, निजी अस्पताल के चिकित्सक व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शाहपुरा अध्यक्ष डॉ. रजनीश शर्मा, सचिव डॉ. एम के श्रीया, डॉ. बीएल मीणा, डॉ. सूरज नेहरा, डॉ. महेश मौर्य, डॉ. सुरेन्द्र मोहन, डॉ. हनुमान सहाय बुनकर ने निजी अस्पतालों में भी चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था करने और अभद्र व्यवहार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने राजस्थान नर्सिंग परिचर्या अधिनियम व चिकित्सा अधिकारी अधिनियम २००८ की धारा ३ के तहत कार्रवाई करने की मांग उठाई।