विश्वविद्यालय सेमीनार हाल में साइबर सुरक्षा अभियान के चलते मंगलवार को हुई कार्यशाला में शामिल विद्यार्थी न सिर्फ लेक्चर के जरिए बल्कि वास्तविकता में एेसा होता देख अचरज से देखते रहे। किशलय चौधरी ने फेसबुक आईडी बनाना, ट्रू कालर जैसे साफ्टवेयर से किसी व्यक्ति की निजी नंबरों की जानकारी लेकर फेक आईडी बनाकर ठगी करने के अपराधों पर जानकारी दी।
कार्यशाला में बताया गया कि साइबर क्राइम में ज्यादातर अपराध फाइनेंशियल होते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि किसी भी तरह के आनलाइन फंड ट्रांसफर मिडिएटर के जरिए होते हैं। रिजर्व बैंक आफ इंडिया इन पर नजर रखती है। किसी भी तरह की ठगी का अंदेशा होने पर यदि पुलिस में शिकायत होती है तो तीन दिनों तक खोया हुआ रूपया वापस मिल सकता है। यह भी कहा कि बैंक के चक्कर लगाने की बजाए सीधे साइबर सेल में अपराध दर्ज करवाया जाए। कार्यशाला में आईजी सिन्हा ने भी साइबर क्राइम से सुरक्षा के उपायों व सजा के प्रावधान की जानकारी दी। विद्यार्थियों ने एक्सपर्ट से सवाल किए। कार्यशाला में कुलपति एसके सिंह सहित प्राध्यापक मौजूद थे।
* यदि आपके किसी परिचित नंबर से काल आता है तो तुरंत काल बैक कर उसकी सत्यता की जांच करें।
* सोशल मीडिया पर अपनी फोटो डालने से बचें। जानकार को भी देना हो तो उसकी पिक्सल कम कर के देवें।
* एटीएम कार्ड के किसी भी भी नंबर को किसी अनजान व्यक्ति को न बताएं।
* इंटरनेट से किए किसी भी अपराध का फुट प्रिंट कभी नहीं मिटता है। अपराधी कभी भी पकड़ा जा सकता है।