गौरतलब है कि करीतगांव उपार्जन केन्द्र में 31 जनवरी को 770 क्विंटल धान घोटाला में संलिप्त पाए जाने पर डाटा एंट्री आपरेटर राजेन्द्र पानीग्राही निवासी धरमपुरा को दूसरे दिन ही निलंबित कर दिया गया था। उक्त मामले की जांच तहसीलदार नेताम और जिला विपणन अधिकारी सिंह अलग-अलग कर रहे हैं। अब तक की जांच में पाया गया कि संचालक मंडल का सदस्य होने के बावजूद जगदीश आचार्य ने करीतगांव उपार्जन केन्द्र का प्रभार लिया हुआ था, जिसमें संचालक मंडल के सभी नौ सदस्यों की सहमति थी।
जगदीश आचार्य को लाभ कमाने के उद्देश्य से संचालक मंडल ने उपार्जन केन्द्र का प्रभारी नियुक्त किया था, जो कि सहकारिता अधिनियम की धारा 44 का सीधे तौर पर उल्लंघन है। शासन के नियम विरूद्ध जाकर केन्द्र का प्रभारी बनने और प्रभारी नियुक्त करने पर जगदीश सहित नौ सदस्यों को भी जांच में अफसरों ने दोषी पाया है।
मालगांव लैंपस के संचालक मंडल में मंगलसाय अध्यक्ष, जगदीश जोशी और पार्वती उपाध्यक्ष, संचालकों में बृजेन्द्र सिंह भदौरिया, जगदीश आचार्य, वेद प्रकाश पांडे, प्रीति कवि, दुर्योधन, पच कौडि़या शामिल हैं। इन सभी पर नौ सदस्यों को धारा 44 का उल्लंघन किया है।
बकावंड तहसीलदार आनंदराम नेताम ने बताया कि जांच में केन्द्र प्रभारी सहित नौ सदस्यों का नियम उल्लंघन करना पाया गया है। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है। जल्द ही जांच रिपोर्ट कलक्टर को सौंपी जाएगी।