जब तक जिन्दा है तब तक हाथ पैर चलते रहने चाहिए
दादी सुबह 4 बजे उठकर अपने प्रतिदिन के कार्य करने के बाद 6 बजे घूमने निकलती है और वापस 9 बजे लौटती है। इसके बाद शाम 4 बजे वह फि र से घूमने जाती है और 6 बजे लौटती है। दादी रोजाना 15 किमी पैदल और 8 किमी साइकल चलती है। दादी का कहना है कि जब तक जिन्दा है तब तक हाथ पैर चलते रहने चाहिए। इसलिए रोजाना योग करना व जॉगिंग पर निकलना चाहिए।
अपना काम खुद करती है
दादी अपने निजी काम हो या बाहर के सभी काम खुद करती है। वह हर महीने 350 रूपये वृद्धा पेंशन खुद साइकल चला कर पांच किलोमीटर दूर लेने जाती है। ऐसे ही सभी छोटे बडे़ काम वह खुद ही करती है और दूसरों को भी करने का सलाह देती है।
दादी अपने निजी काम हो या बाहर के सभी काम खुद करती है। वह हर महीने 350 रूपये वृद्धा पेंशन खुद साइकल चला कर पांच किलोमीटर दूर लेने जाती है। ऐसे ही सभी छोटे बडे़ काम वह खुद ही करती है और दूसरों को भी करने का सलाह देती है।
रोज पीती है आधा किलो दूध
दादी रोज आधा किलो दूध पीती है साथ ही। दादी दुध के साथ-साथ एक दिन में एक सेव भी खाती है। इसके साथ ही दलीया व रोटी, हरी सब्जी खाती है। उनका कहना है कि थोड़े पैसे खर्च कर स्वास्थ्य के लिए जो चीज बेहतर है वही खाना चाहिए। अस्पताल जाने पर न केवल पैसे खर्च होते है बल्कि सयम व मानसिंक परेशानी होती है वह अलग।
दादी रोज आधा किलो दूध पीती है साथ ही। दादी दुध के साथ-साथ एक दिन में एक सेव भी खाती है। इसके साथ ही दलीया व रोटी, हरी सब्जी खाती है। उनका कहना है कि थोड़े पैसे खर्च कर स्वास्थ्य के लिए जो चीज बेहतर है वही खाना चाहिए। अस्पताल जाने पर न केवल पैसे खर्च होते है बल्कि सयम व मानसिंक परेशानी होती है वह अलग।
आर्थिक स्थिति का रखना पड़ता है ध्यान
दादी ने बताया की वह मध्यम वर्ग से है उनके बेटे की ज्यादा आमदनी भी नही है इसलिए वह किसी के ऊपर बोझ नही बनना चाहती है। उनका कहना है कि यदि वह अपना ध्यान रखती है तो उनको और उनके परिजनों की परेशानी नही बढ़ेगी। दादी को 82 साल की उम्र में एक भी बीमारी नही है।
दादी ने बताया की वह मध्यम वर्ग से है उनके बेटे की ज्यादा आमदनी भी नही है इसलिए वह किसी के ऊपर बोझ नही बनना चाहती है। उनका कहना है कि यदि वह अपना ध्यान रखती है तो उनको और उनके परिजनों की परेशानी नही बढ़ेगी। दादी को 82 साल की उम्र में एक भी बीमारी नही है।
युवाओं को अपने लिए रोज समय निकालना जरुरी
दादी का कहना है की वह 82 साल की उम्र में भी अपने सभी काम करती है समाजिक कार्य से लेकर सभी जगह आती जाती है उसके बाद भी अपने घूमने व साइकल चलाने की दिनचर्या को नहीं बदलती है। उनका कहना है की आज का समय जरूर भाग दौड़ का है पर युवाओं को जरुरी है की वह अपने लिए समय निकाल कर 1 घंटे ही सही पर योग या जॉगिंग करे।
दादी का कहना है की वह 82 साल की उम्र में भी अपने सभी काम करती है समाजिक कार्य से लेकर सभी जगह आती जाती है उसके बाद भी अपने घूमने व साइकल चलाने की दिनचर्या को नहीं बदलती है। उनका कहना है की आज का समय जरूर भाग दौड़ का है पर युवाओं को जरुरी है की वह अपने लिए समय निकाल कर 1 घंटे ही सही पर योग या जॉगिंग करे।