मासूम दशहत में, वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है
इधर पुलिस मासूम के बयान लेने के लिए हर रोज बड़ेगुडरा का चक्कर काट रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मासूम दशहत में है। वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। बच्ची के बयान के लिए पुलिस अधिकारियों ने एक महिला एएसआई को नियुक्त किया है। यह महिला अधिकारी दंतेवाड़ा से जाकर बयान दर्ज करेगी। बच्ची का बयान दर्ज नहीं हो पाया तो परिजनों का बयान दर्ज किया जाएगा।
इधर पुलिस मासूम के बयान लेने के लिए हर रोज बड़ेगुडरा का चक्कर काट रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मासूम दशहत में है। वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। बच्ची के बयान के लिए पुलिस अधिकारियों ने एक महिला एएसआई को नियुक्त किया है। यह महिला अधिकारी दंतेवाड़ा से जाकर बयान दर्ज करेगी। बच्ची का बयान दर्ज नहीं हो पाया तो परिजनों का बयान दर्ज किया जाएगा।
बच्ची को काल के मुंह से तो निकाल लिया
बड़ेगुडरा की मासूम का इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में हुआ है। प्रशासन की मदद और जवानों के सहयोग ने इस बच्ची को काल के मुंह से तो निकाल लिया लेकिन वह अभी भी सहमी हुई है। जिला पंचायत सदस्य नंदलाल मुडामी बड़ेगुडरा रविवार को मासूम से और उनके परिजनों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि प्रशासन के अथक प्रयास से बच्ची कोमा से वापस आ चुकी है और वह स्वस्थ भी है पर किसी से बात नहीं कर रही है। उसके चेहरे से हंसी गुम है।
बड़ेगुडरा की मासूम का इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में हुआ है। प्रशासन की मदद और जवानों के सहयोग ने इस बच्ची को काल के मुंह से तो निकाल लिया लेकिन वह अभी भी सहमी हुई है। जिला पंचायत सदस्य नंदलाल मुडामी बड़ेगुडरा रविवार को मासूम से और उनके परिजनों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि प्रशासन के अथक प्रयास से बच्ची कोमा से वापस आ चुकी है और वह स्वस्थ भी है पर किसी से बात नहीं कर रही है। उसके चेहरे से हंसी गुम है।
रायपुर पहुंची टीम, खंगाल रही दस्तावेज
इस गंभीर मामले को देखते हुए पुलिस कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है। घटना स्थल से मिले साक्ष्य ने यह इशारा कर दिया कि आरोपी बुरी नीयत से उसे दबोच कर जंगल ले गया था। रायपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के कागज लेने एसआई विजय यादव को भेजा गया है। इन दस्तावेजों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। मासूम जब अपने पुराने ढंग में लौटेगी तो 164 के तहत बयान दर्ज करवाया जाएगा। इधर महिला एएसआई को उसके बयान के लिए और परिजनों से गहराई से चर्चा करने के लिए नियुक्त किया गया है।
इस गंभीर मामले को देखते हुए पुलिस कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है। घटना स्थल से मिले साक्ष्य ने यह इशारा कर दिया कि आरोपी बुरी नीयत से उसे दबोच कर जंगल ले गया था। रायपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के कागज लेने एसआई विजय यादव को भेजा गया है। इन दस्तावेजों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। मासूम जब अपने पुराने ढंग में लौटेगी तो 164 के तहत बयान दर्ज करवाया जाएगा। इधर महिला एएसआई को उसके बयान के लिए और परिजनों से गहराई से चर्चा करने के लिए नियुक्त किया गया है।