बस्तर

जानिए आखिर क्यों वन विभाग ने ग्रामीणों को बताया आदतन अपराधी, गरमाया मामला

ग्रामीणों का आरोप दस साल से कर रहे थे खेती, सूखे पेड़ को काटे तो कर दी कार्रवाई, ग्रामीण कर रहे सवाल सालों से कर रहे खेती, अब काहे भेज रहे हो जेल

बस्तरJan 03, 2018 / 11:46 am

ajay shrivastav

जगदलपुर . कालागुड़ा क्षेत्र के लोगों को खेत से लगे सूखे पेड़ व कुछ पौधे उखाडऩा भारी पड़ गया। मंगलवार को वन विभाग ने एेसे 17 लोगों पर कार्रवाई करते हुए सभी पर लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
आदतन अपराधी है बार बार समझाइश भी दी
मंगलवार को इन्हें कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया। हालांकि इस पूरे मामले में वन विभाग का कहना है कि वे आदतन अपराधी है बार बार समझाइश भी दी गई लेकिन वे नहीं माने, इसके बाद ही उन पर कार्रवाई की गई।

मंगलवार को जब वन अमला इन्हें कोर्ट के न्यायिक रिमांड के आदेश के बाद महारानी अस्पताल एमएलसी कराने पहुंचे तो यहां पत्रिका टीम ने उनसे पूछताछ की। ग्रामीणों ने यहां बताया कि वे यहां सालों से खेती कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने खेत के किनारे उगे सूखे पेड़ों को काटा था और खेत में उगे छोटे पौधों को उखाड़ा था। इसके लिए वन विभाग ने उन पर कार्रवाई कर दी और उन्हें जेल भेज रहे हैं।
खेती जैसा कुछ मामला ही नहीं
वहीं इधर जब इस मामले में माचकोट रेंजर मनीष कश्यप से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह लोग आदतन अपराधी है। खेती जैसा कुछ मामला ही नहीं है। यहां उन्होंने प्रायोजित तरीके से अलग अलग क्षेत्र के करीब 1326 पेड़ काट दिए थे, इसलिए विभाग ने उनपर कार्रवाई की। उन्होंने आगे कहा कि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी पेड़ो को काटने के छह मामले इन पर दर्ज हैं।
1328 पेड़ कटने के बाद जागा वन विभाग
इधर इस मामले में वन विभाग को जानकारी तब लगी जब इस क्षेत्र से 1328 पेड़ कट चुके थो। इस मामले में वन विभाग ने अब तक किसी भी जिम्मेदार पर कार्रवाई नहीं की है। विभाग के इस रवैये से लगता है कि वह ग्रामीणों पर कार्रवाई कर इसे उपलब्धि बताते हुए विभागीय लापरवाही से पल्ला झाड़ रही है।
फैक्ट फाइल
617 पेड़-पुसपाल
97 पेड़-पुसपाल
614 पेड़-तिरिया
1328 कुल पेड़ ग्रामीणों ने काटे
25 हेक्टेयर कुल रकबा

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