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जनदर्शन में MLA मरकाम के कड़े तेवर…करोड़ों के भ्रष्टाचार की खोल दी पोल, पढ़ें खबर

locationबस्तरPublished: Nov 22, 2017 11:13:42 am

Submitted by:

ajay shrivastav

विधायक ने दिया आवेदन, डीएमएफटी में भ्रष्टाचार की खोल दी पोल, दोषियों पर कार्यवाही नहीं करने पर कोर्ट जाने की दी धमकी।

जनदर्शन में एमएलए मरकाम के कड़े तेवर...करोड़ों के भ्रष्टाचार की खोल दी पोल

जनदर्शन में एमएलए मरकाम के कड़े तेवर…करोड़ों के भ्रष्टाचार की खोल दी पोल

कोण्डागांव. स्थानीय विधायक मोहन मरकाम ने जिले में हो रहे अनियमितता पर कड़ा रुख अपनाते मंगलवार को जनदर्शन में लाइन लगाकर कलक्टर से जिले के विकास में खर्च होने वाली जिला खनिज संस्थान न्यास निधि में भ्रष्टाचार की शिकायत की है। विधायक मरकाम ने आरोपियों पर नियमानुसार कार्यवाही करने की मांग की हैं। कलक्टोरेट के सभाकक्ष में उस वक्त सभी खड़े हो गये जब जनदर्शन में शिकायत करने पहुुंचे विधायक मरकाम ने लाइन लगाकर कलक्टर नीलकंठ टीकाम से शिकायत की।

उन्होंने वर्ष 2016-17 व 2017-18 में जिला खनिज संस्थान न्यास निधि अंतर्गत छात्रावास-आश्रम व स्कूल भवनों में किए गये जीर्णोद्धार कार्य में भ्रष्टाचार की शिकायत करते आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया। मालूम हो, डीएमएफ राशि में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद कई बार जांच हो चुकी है। बावजूद इसके किसी भी अधिकारी-कर्मचारी पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। अबकी बार विधायक ने खुद इसकी शिकायत जनदर्शन में की है।
दो करोड़ 27 लाख की गड़बड़ी
शिकायत करने पहुंचे विधायक मरकाम ने बताया कि बड़ेराजपुर व फरसगांव जनपद के अंतर्गत छात्रावास व आश्रम स्कूल भवनों में जीर्णोद्धार व मरम्मत के नाम पर 2.27 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति कर इसमें भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस राशि में अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से यह संभव हो सका है। विधायक ने कहा है कि यदि समय रहते जांच नहीं होती है तो वे विधानसभा सत्र के दौरान मामला उठाकर कोर्ट में भी लेकर जाएंगे।
फर्जी बिल से राशि का आहरण
विधायक के शिकायती पत्र में लेख है कि दंतेवाड़ा जिले के गीदम के एक ठेकेदार के द्वारा काम कराया जाना बताया जा रहा है। ठेकेदार के द्वारा जिस फर्म के नाम से राशी जारी की गई है। उस फर्म का वाणिज्यक कर कार्यालय में पंजीयन ही नहीं हैं। ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत बिल में फर्जी टिन नंबर को दर्शाया गया है। यही नहीं प्राक्कलन के अनुसार कार्य करने की जगह भवनों के छत में डामर की पोताई कराई गई। फर्जी बिल के माध्यम से लाखों रुपए की राशि का आहरण कर लिया गया है।
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