scriptप्लांट का जमा पानी खेतों में बहाया, आठ किमी में 500 एकड़ की खड़ी फसल बर्बाद | Plant deposit water shed in field damaged 500 acres of standing crop | Patrika News

प्लांट का जमा पानी खेतों में बहाया, आठ किमी में 500 एकड़ की खड़ी फसल बर्बाद

locationबस्तरPublished: Nov 23, 2017 04:42:36 pm

Submitted by:

ajay shrivastav

साल भर पहले भी ऐसी ही दुविधा की स्थिति बनी थी, वादा कर भूला एनएमडीसी प्लांट, जमा पानी को फिर खेतों में बहाया, सैकड़ों एकड़ खड़ी फसल बर्बाद।

पांच गांव के 350 से अधिक किसान प्रभावित...करीब 5 सौ एकड़ खड़ी फसल हुआ बर्बाद

पांच गांव के 350 से अधिक किसान प्रभावित…करीब 5 सौ एकड़ खड़ी फसल हुआ बर्बाद

पांच गांव के 350 से अधिक किसान प्रभावित…करीब 5 सौ एकड़ खड़ी फसल हुआ बर्बाद

जगदलपुर . जिन किसानों की जमीन लेकर नगरनार में करोड़ो की लागत से स्टील प्लांट बना रहा है। वही प्लांट से सटे गांवों के किसानों के लिए अब नित नए मुसीबत खड़े हो रहे हैं। दरअसल बारिश के समय बाउंड्रीवाल के भीतर जमा पानी को बाहर निकालने की कवायद हाल ही मेंं शुरू की गई। प्लांट प्रबंधन यह भूल गया कि यह पानी प्लांट से लगे खेतों में पहुंच जाएगा जहां धान की फसल पककर खड़ी है। इसके चलते यहां से 8 किमी के दायरे में करीब 500 एकड़ की फसल खराब हो गई है।
प्लांट की बाउंड्री पार कर आने वाले इस पानी की वजह से 350 से अधिक किसानों की जमीन प्रभावित हो रही है। मालूम हो कि पिछले साल भी इसी तरह घटना हुई थी जिसके बाद प्रबंधन ने यह इस समस्या को दो महीने के भीतर सुलझा लेने का दावा किया था। लेकिन यह प्रबंधन अपना वादा भूल गया, और फिर वहीं गलती कि इसके चलते अब इन किसानों की रोजी रोटी पर बन आई है।
किसानों के माथे पर चिंताएं साफ देखी जा सकती
पत्रिका टीम ने यहां के हालत जानने खेत पहुंचे। यहां एक तरफ प्लांट में नजर आ रहा था, तो दूसरी तरफ खेत। कुछ दूर खेत में चलने के बाद किसान नजर आए। पूछने पर बताया कि प्लांट से पानी निकलने पर उनके खेत में पानी भर गया है, फसल बैठ गई है। इसलिए अब फसल नष्ट हो गई है। अब जानवरों को खिला सके इसके लिए कुछ धान को काटकर ले जा रहे हैं। इस स्थिति से किसानों के माथे पर चिंताएं साफ देखी जा सकती थीं। किसानों ने दिखाया खेत में घुटने तक पानी भरा हुआ है। कुछ ने तो रात को फसल काट ली थी, ताकि सुबह इसके बंडल बनाकर घर ले जाएं लेकिन पानी जमा होने से यह पूरी तरह से भीग गए हैं। फसल में कीड़े लगने शुरू हो गए है। बालियां सूखने लगी है। पानी के साथ-साथ मिट्टी भी आ रही है, जो खेतों में जमा होती जा रही है।
पहली बार नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल किसानों को इसी परेशानी से दो चार होना पड़ता है। पिछले साल भी इसी तरह से प्लांट का पानी खेतों में छोड़ दिया गया था। इसके चलते उनका लाखों का नुकसान हो गया था। इसके बाद शिकायत भी की गई थी, आश्वासन भी मिला था। लेकिन फिर से यही परेशानी देखने को मिली।
पांच गांव के 350 से अधिक किसान प्रभावित...करीब 5 सौ एकड़ खड़ी फसल हुआ बर्बाद
किसानों से सीधी बात में उगले दर्द
परिवार को कैसे पालुंगा भगवान ही जानता है
किसान प्रेमनाथ ने बताया कि मैने साढ़े तीन एकड़ में फसल लगाई थी। उन्होंने इसके लिए करीब 1 लाख 80 हजार रुपए का बैंक से कर्ज ले रखा है। प्लांट के पानी की वजह से सारी फसल बर्बाद हो चुकी है। अब साल भर तक परिवार को कैसेे खिलाउंगा यह भगवान ही जानता है।
नहीं दी पूर्व सूचना, अब भूखे मरने की नौबत
किसान केशव ने बताया कि खेत में फसल पक गई थी, इसलिए काटकर खेत में ही छोड़ दिया था। लेकिन प्लांट के पानी छोडऩे से पूरी पकी फसल बर्बाद हो गई है। इसके लिए प्रबंधन ने पहले से कोई सूचना भी नहीं जारी की थी। उनके सर पर लाखों का कर्जा है। अब तो भूखे मरने की नौबत आ गई है।
किसानों को मुआवजा दे एनएमडीसी
किसान लखीराम ने बताया कि छह एकड़ में मेरी फसल लगी है, फसल कटाईके समय प्लांट के पानी छोड़े जाने से 98 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। से पानी छोड़ा जा रहाहै। बैंक कर्ज भी 1 लाख 60 हजार है। अब खेत बेचना पड़ेगा। एनएमडीसी को किसानों को मुआवजा देना चाहिए।
जनपद सदस्य ने कहा करेंगे आंदोलन
अमित पांडे ने बताया कि किसानों से बातचीत के दौरान यहां के जनपद सदस्य अमित पांडे भी खेतों में किसानो के बीच पहुंचे, उनका दर्द बांटां। उन्होंने कहा कि वे किसानो के साथ हैं। उन्हें मुआवजा दिलाने व व्यवस्था सुधारने किसानों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
यहां के किसान हुए प्रभावित- उपनपाल, करनपुर, बीजापुट, कस्तुरी, बॉलीगुड़ा के किसान प्रभावित है।

कलक्टर की सहायता से निकलेगा रास्ता
नगरनार एनएमडीसी प्लांट ईई प्रशांत दास ने बताया कि एनएमडीसी को किसी भी तरह की पानी की सप्लाई शुरू नहीं हुई है। प्राकृतिक पानी का रिसाव हो रहा है। चुकि खेतों ओर स्लोप है, इसलिए यहां का प्राकृतिक पानी खेतों में जा रहा है। इसके लिए कलक्टर से बात कर योजना तैयार की जाएगी।
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