राजनीतिक व वैचारिक तौर से गरमाने वाली कोई घटना होती है
जब भी शहर की फिज़ा को सांप्रदायिक, राजनीतिक व वैचारिक तौर से गरमाने वाली कोई घटना होती है तो उसकी पहली प्रतिक्रिया होती है अमर शहीद स्मारक पर इक_ा होकर शांति की शपथ लेना। यह इतना स्वस्फूर्त होता है कि इस स्मारक के आसपास संस्थाओं व जागरुक लोगों का तांता लग जाता है। सिरहासार भवन के एक ओर आधा एकड़ में बनी इस जगह पर एक ओर महात्मा गांधी की प्रतिमा तो दूसरी ओर जवानों की स्मृृति में बना हुआ स्मारक है। आए दिन यहां सुख, शांति व तरक्की की दुआ मांगते लोग नजर आते हैं। सबका मानना है कि यहां पर लिए गए शपथ का पालन पूरा शहर करता है।
जब भी शहर की फिज़ा को सांप्रदायिक, राजनीतिक व वैचारिक तौर से गरमाने वाली कोई घटना होती है तो उसकी पहली प्रतिक्रिया होती है अमर शहीद स्मारक पर इक_ा होकर शांति की शपथ लेना। यह इतना स्वस्फूर्त होता है कि इस स्मारक के आसपास संस्थाओं व जागरुक लोगों का तांता लग जाता है। सिरहासार भवन के एक ओर आधा एकड़ में बनी इस जगह पर एक ओर महात्मा गांधी की प्रतिमा तो दूसरी ओर जवानों की स्मृृति में बना हुआ स्मारक है। आए दिन यहां सुख, शांति व तरक्की की दुआ मांगते लोग नजर आते हैं। सबका मानना है कि यहां पर लिए गए शपथ का पालन पूरा शहर करता है।
अमर जवान ज्येाति
बचपन से लेकर युवा और अब परिपक्वता के साथ शहर की नब्ज को थामने वाली एक पीढ़ी अभी भी शहर में अमन चैन बनाए रखने कमर कस कर तैयार है। एेसे लोगों में से कुछ लोगों के नाम व तस्वीर भले ही हमारे पास नहीं उपलब्ध हो सकते पर जिनके भी मिले वे अपनी मिसाल आप हैं। एेसे लोगों में प्रो. बीएल झा, हफीज मोहम्मद, नरसिंह रथ, शशांक शेंडे, नबी मोहम्मद, संतोष जैन, आरके कुशवाह, मदन आचार्य, सुभाष श्रीवास्तव, प्रमोद मोतीवाला, दीपक नाथन जैसी शख्सियतें हैं। इनकी यह टीम खेलकूद हो या रंगमंच हो परदे से परे रहकर अपनी भूमिका निभा रही है। इनकी एकजूटता से शहर में वैमन्स्यता फैलाने वाले विचार दूर से ही विदा हो जाते रहे हैं।
बचपन से लेकर युवा और अब परिपक्वता के साथ शहर की नब्ज को थामने वाली एक पीढ़ी अभी भी शहर में अमन चैन बनाए रखने कमर कस कर तैयार है। एेसे लोगों में से कुछ लोगों के नाम व तस्वीर भले ही हमारे पास नहीं उपलब्ध हो सकते पर जिनके भी मिले वे अपनी मिसाल आप हैं। एेसे लोगों में प्रो. बीएल झा, हफीज मोहम्मद, नरसिंह रथ, शशांक शेंडे, नबी मोहम्मद, संतोष जैन, आरके कुशवाह, मदन आचार्य, सुभाष श्रीवास्तव, प्रमोद मोतीवाला, दीपक नाथन जैसी शख्सियतें हैं। इनकी यह टीम खेलकूद हो या रंगमंच हो परदे से परे रहकर अपनी भूमिका निभा रही है। इनकी एकजूटता से शहर में वैमन्स्यता फैलाने वाले विचार दूर से ही विदा हो जाते रहे हैं।
नक्षत्र वाटिका का संवारा रूप
लालबाग स्थित नक्षत्र वाटिका भी एेसी जगह है जहां पर सुबह- शाम खिलाड़ी, एनजीओ, युवा- बुजुर्ग इक_ा होकर विकास, पर्यावरण व हरियाली को लेकर चर्चा करते हैं। तीन एकड़ की जमीन पर फैले इस वाटिका को संजोने, संवारने में एेसे शहरियों का हाथ है जो कि लाइम लाइट, मंच, माला व सम्मान से दूरी बनाए रखते हैं। पत्रिका इन वाटिका को संवारने वाले सभी साथियों के जज्बे को सलाम करता है जो कि यहां आकर एकता और अखंडता को कायम रखने अपने जी जान से जुटे हुए हैं।
लालबाग स्थित नक्षत्र वाटिका भी एेसी जगह है जहां पर सुबह- शाम खिलाड़ी, एनजीओ, युवा- बुजुर्ग इक_ा होकर विकास, पर्यावरण व हरियाली को लेकर चर्चा करते हैं। तीन एकड़ की जमीन पर फैले इस वाटिका को संजोने, संवारने में एेसे शहरियों का हाथ है जो कि लाइम लाइट, मंच, माला व सम्मान से दूरी बनाए रखते हैं। पत्रिका इन वाटिका को संवारने वाले सभी साथियों के जज्बे को सलाम करता है जो कि यहां आकर एकता और अखंडता को कायम रखने अपने जी जान से जुटे हुए हैं।