पुलिस सूत्र के मुताबिक गीदम थाने में जब युवती आरक्षक माधव सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराने गई थी तो दोनों ने रिपोर्ट दर्ज न करने का दबाव बनाया था। इस दौरान आरोपी आरक्षक माधव सिंह भी थाने में मौजूद था। आरोपी आरक्षक को भगाने में दोनों ने मदद की है। महिला आरक्षक पूनम सिंह कोतवाली थाना दंतेवाड़ा में पदस्थ है। बहनोई सत्येन्द्र सिंह गीदम थाने में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ है। पुलिस पड़ताल में यह बातें सामने आ रही है। एसपी कमलोचन कश्यप ने इन दोनों को मदद करने के आरोप में सस्पेंड किया है।
पिछले एक माह से गीदम पुलिस आरोपी की तलाश में पसीना बहा रही है। इधर इस मामले को लेकर राजनीतिक दल भी हावी है। कलक्टर से लेकर एसपी को ज्ञापन सौंपा जा रहे हैं। इधर विभाग में पदस्थ कर्मचारी व उनके रिश्तेदार मदद करने में लगे हुए हैं। पुलिस सूत्र बता रहे है कि आरोपी आरक्षक से फोन पर बात करना और उनकी मदद करने की बातें सामने आ रही है।
आदिवासी युवती से अनाचार जैसे घिनौने कृत्य को अंजाम देने वाला आरोपी माधव सिंह डेढ़ माह बाद भी फरार है। उसकी तलाश में कई स्थानों पर छापे मारे की जा चुकी है। उसका कोई सुराग पुलिस को नहीं लगा है। हैदराबाद से लेकर उत्तर प्रदेश तक जिले की पुलिस दौरा कर बैरंग वापस लौटी है। साइबर सेल अभी भी लोकेट करने की कोशिश में लगा हुआ है।
गीदम थाना प्रभारी परमानंद ठाकुर ने बताया कि, आरोपी आरक्षक की मदद करने के आरोप में महिला आरक्षक और प्रधान आरक्षक को सस्पेंड किया गया है। ये दोनों आरोपी के रिश्तेदार हैं। एसपी ने सस्पेंशन की कार्रवाई की है।