उन्होने कहा कि मैं बसपा में रहते हुए ज़िला पंचायत सदस्य रहा। फिर बहनजी ने मुझे कैबिनेट मंत्री भी बनाया। अब एक बार फिर उसी पार्टी में वापस आया हूं जहां से शुरुआत की थी। उन्होने कहा कि इस बार वह खुद बहनजी के पास गए थे और उन्होने मुझे मौका दिया। उन्होने दावा किया है कि उनके समर्थकों, ब्लॉक प्रमुखों और ज़िला पंचायत सदस्यों में से 80 प्रतिशत मेरे साथ आ गए हैं। इस दौरान उनके साथ राणा कृष्ण किंकर सिंह समेत नेता भी मौजूद रहे।
बताते चलें कि राजकिशोर सिंह सबसे पहले 2000 से 2002 तक बस्ती की हरैया सीट से बसपा से विधायक रहे। 2003 में वह बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए और मुलायम सिंह यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए। 2007 में वह फिर सपा के टिकट पर हरैया विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए। 2012 में भी जीत का सिलसिला बरकरार रखा और अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के अजय कुमार सिंह से शिकस्त खानी पड़ी। 2019 में सपा बसपा गठबन्धन के तहत बस्ती सीट बसपा के खाते में चली गयी और उन्हें टिकट नहीं मिला तो समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया और बस्ती से प्रत्याशी बनाए गए, लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा।
By Satish Srivastava