बस्ती जिले के दुबौलिया ब्लॉक के धुसवां गांव के लालबिहारी सिंह के नाम से छह लाख 70 हजार सत 725 रुपये का लोन पास हुआ, लेकिन इस लोन के लिये कथित तौर पर सरयू नदी को ही जमानत पर रख दिया गया। लोन के लिये जो जमीन बैंक को एक जमीन के कागजात दिये गए जिसकी जानकारी फील्ड ऑफिसर ने बैंक मैनेजर से छिपा ली और लाल बिहारी सिंह से मोटी रकम लेकर बैंक को लाखों रुपये का चूना लगा दिया।
बैंक की ओर से उस जमीन पर लोन पास कर दिया गया, जिसपर कभी खेती हो ही नहीं सकती। वजह, वह जमीन सरयू नदी की धारा में है और जिस गांव में जीमीन के होना दर्शाया गया है वह सरकारी अभिलेख में गैर चिरागी घोषित हो चुकी है। इन सबके बावजूद भी नदी की धारा में समा चुकी जमीन पर बैंक ने लोन दे दिया। अब जबकि यह कथित फ्रॉड सामने आ चुका है तो बैंक कर्मचारी खुद की गर्दन बचाने के लिये नोटिस पर नोटिस भेज रहे हैं। पर नदी की धारा में समा चुकी जमीन के नाम पर दिये गए लोन की रिकवरी में नाकों चने चबवाने पड़ेंगे, क्योंकि जमीन अस्तित्व में है ही नहीं।
ऐसे खुला मामला मामला तब खुला जब लोन लेने वाले लालबिहारी के भतीजे भानू को इसकी जानकारी हुई। इस फ्रॉड को शिकायतकर्ता ने डीएम तक पहुंचाया और इसपर कार्रवाई की मांग की। डीएम के सामने यह बात खुली कि गाटा संख्या 39, 40 व 41 पर लोन दिया गया, वह पिछले 25 सालों से नदी की धारा में विलीन हो चुकी है। बैंक ने बिना निरिक्षण किये ही फर्जी जमीन पर लोन दे दिया। बैंक मैनेजर ने मामले की जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। दूसरी ओर लीड बैंक मैनेजर अविनाश चंद्रा का कहना है कि आईडीबीआई बैंक के मैनेजर से जानकारी मांगी जा रही है। जांच रिपोर्ट मिलते ही दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।