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सवा करोड़ खर्च होने के बाद भी नहीं मिल रहा पीने योग्य पानी

locationबस्तीPublished: Dec 06, 2017 07:54:14 am

Submitted by:

Sunil Yadav

आधिकारी नहीं दे सके जवाब

सवा करोड़ खर्च होने के बाद भी नहीं मिल रहा पीने योग्य पानी

सवा करोड़ खर्च होने के बाद भी नहीं मिल रहा पीने योग्य पानी

बस्ती. बहादुरपुर विकास खंड के कलवारी मुस्तहकम के ग्रामीण जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। आठ हजार की आबादी वाले इस गांव को सवा करोड़ खर्च होने के बाद भी छह साल से पानी का इंतजार है।
ग्राम पंचायत में वर्ष 2008 व 2009 में गांव के दर्जनों बच्चे जलजनित रोगों की चपेट में आने के बाद सरकार ने यहां स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2009-10 में 1 करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से प्रथम निर्माण खंड उप्र द्वारा पानी की टंकी का निर्माण शुरू किया गया। वर्ष 2011 में पानी की टंकी बन कर तैयार हो गई। साथ ही ग्राम पंचायत के सभी घरों तक पानी पहुंचाने के लिए 22 किलोमीटर पाइप लाइन भी बिछा दी गई। लोकिन अापूर्ति आज तक शुरू नहीं हो सकी जिस कारण आठ हजार से अधिक आबादी आज पानी की समस्या से जूझ रही है।
गांव निवासी अमर बहादुर ¨सह ने कहा कि छह वर्ष से पानी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन विभाग के कर्मचारियों की उदासीनता के कारण टंकी से आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी। जबकि गांव के इंडिया मार्क हैंड पंप भी पीला पानी दे रहे हैं। सक्षम लोगों ने तो घरों में आरो लगवा लिया अधिसंख्य आबादी प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है। राजेंद्र यादव का कहना है कि जब इस योजना को मंजूरी मिली थी तो लगा कि अब हम लोगों को भी शहरों की भांति पानी मिलेगा लेकिन यहां की स्थिति देख अब यह भी उम्मीद जाती रही। विजय प्रताप ने बताया कि यदि विभाग पानी की सप्लाई शुरू कर देता तो कम से कम एक हजार लोग वाटर कनेक्शन ले लेते जिससे विभाग को लगभग बीस हजार रुपये प्रति माह की आमदनी होती।
पूर्व प्रधान हृदयराम उर्फ गामा कन्नौजिया का कहना है कि वर्ष 2009 में अथक प्रयास के बाद यह योजना ग्राम पंचायत में आई ¨कतु विभागीय उदासीनता के चलते सफल नहीं हो पाई। वहीं इस मामले में अवर अभियंता गिरराज का कहना है कि “लुंबिनी-दुद्धी मार्ग के चौड़ीकरण के दौरान पाइप टूट गयी है जिसके कारण पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पा रही है।” जब उनसे पूछा गया कि मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य वर्ष 2015 में शुरू हुआ है जबकि टंकी निर्माण का कार्य 2011 में ही पूरा हो गया था तब सप्लाई क्यों नहीं शुरू की गई थी ? तो वह जवाब नहीं दे सके।

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