जिन्हें भाजपा ने कप्तानगंज विधानसभा के खजुरिया मिश्र गांव का बूथ अध्यक्ष नियुक्त किया है। प्रदेश में योगी की सरकार है और केन्द्र में मोदी की सरकार, मगर दोनों ही सरकार मिलकर भी इस बीजेपी कार्यकर्ता को उसका हक नहीं दिलवा सकी। गरीब होने के बावजूद भाजपा समर्थक रामकैलाश मिश्र जब अपने लिये सरकारी दफ्तर की चौखट पर 6 महिने से दौड़ लगाते रहे मगर उनकी मांग नहीं पूरी हो सकी तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, आम जनता का क्या हाल होगा होगा। राम कैलाश का कहना है कि, उनके पास रहने को मकान नहीं है, मिट्टी का घर बनाकर आज भी वे परिवार के साथ जीवन यापन करते हैं, छप्पर का घर होने की वजह से बरसात में कई समस्या से उन्हें और उनके परिवार को जूझना पडता है, प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान को लेकर बेहद सजग है। जिसके लिये गांव-गांव हर घर में शौचालय बनवाने का काम चल सका है। मगर रामकैलाश एक अदद शौचालय के लिये ब्लॉक का चर क्कलगाते रह गये।
उन्हें शौचालय नहीं मिला, आज भी घर की महिलायें और पुरुष सभी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं, ऐसा नहीं है राम कैलाश अपने ईलाके के विधायक और सांसद के पास न गये हो, वे वहां भी अपनी फरियाद लेकर गये मगर सांसद और विधायक भी इस बूथ कार्यकर्ता की कोई मदद नहीं कर सके। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कहते हैं कि, हमारा बूथ अध्यक्ष ही हमारी ताकत है और हम इन्हीं की वजह से सरकार में आये हैं।
मगर शायद अमित शाह भी जमीनी हकीकत से कोसो दूर हैं, जिनकी आंख खोलने के लिये रामकैलाश की यह कहानी काफी है, राम कैलाश की पूरी जिंदगी खत्म हो गई मगर वे शादी नहीं कर सके, क्योंकि रामकैलाश के पास अपना घर नहीं, मिट्टी के घर में रहने की वजह से कोई उनसे रिश्ता जोड़ना नहीं चाहा। बहरहाल, इस मामले को लेकर हमने सांसद हरीश द्विवेदी से बात की तो फोन पर उन्होंने कहा कि, वे बाहर हैं मगर इस मामले की जानकारी नहीं थी, कार्यकर्ता रामकैलाश को उनका हक दिलाया जाएगा।
input सतीश श्रीवास्तव