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BJP नेता ने फिर लिखा PM मोदी को पत्र, रामलला के लिये मांगा PM आवास, यूपी सरकार की लापरवाही पर दी आंदोलन की चेतावनी

locationबस्तीPublished: Jan 13, 2019 08:40:37 pm

दो माह पहले प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांगा था रामलला के लिये पीएम आवास, केन्द्र ने राज्य सरकार को लिखा निस्तारण के लिये पत्र तो शासन ने बस्ती के डीएम को दिया समाधान लिये निर्देश, बीजेपी ने कहा जब रामलला अयोध्या में तो बस्ती जिले के डीएम कैसे करेंगे निस्तारण।

Ramalala PM Awas

रामलला को पीएम आवास

बस्ती . राम मंदिर मुद्दा 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर गर्म है। सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई के बजाय तारीख मिलने और पीएम नरेन्द्र मोदी के इस पर अध्यादेश लाने से इनकार के बाद यह मुद्दा एक बार फिर गर्म है। खुद बीजेपी के कई नेता या तो नाराज हैं या फिर इस मुद्दे को हवा देने में जुटे हैं। यूपी के बस्त जिले में बीजेपी नेता ने एक बार फिर रामलला के लिये प्रधानमंत्री आवास की मांग की है। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जतयी है कि सरकार को पत्र लिखे दो महीना बीतने के बाद भी इसका कोई समाधान नहीं निकला। उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द प्रकरण का निस्तारण करने की मांग की है। उन्होंने इस बाबत लापरवाही पर आपत्ति जताते हुए चेतावनी दी है कि अगर शासन उनके पत्र को गंभीरता से लेते हुए रामलला के लिये पीएम आवास की व्यवस्था नहीं करता है तो आंदोलन की राह पकड़ना मजबूरी होगी।
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गौरतलब हो कि एक नवंबर 2018 को यूपी के बस्ती जिले के भाजपा मीडिया संपर्क विभाग के जिला संयोजक नितेश शर्मा ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक आवास एलॉट किये जाने की मांग की थी। नितेश ने बताया है कि उनके पत्र को केन्द्र सरकार ने गंभीरता से लेते हुए निस्तारण के लिेय राज्य सरकार को पत्र लिखा था। लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी अब तक इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया गया।
इस लापरवाही पर आपत्ति जताते हुए नितेश ने कहा है कि किसी इंसान को तकलीफ होती हे तो वो भगवान से मदद मांगता है, लेकिन अयोध्या में भगवान राम खुद खुले आसमान के नीचे हैं। बावजूद इसके शासन-प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा। चेतावनी दी हे कि अगर उनके पत्र पर गंभीरतर पूर्वक विचार नहीं किया गया तो मांगों को मनवाने के लिये वो आंदोलन करेंगे। साथ ही यह भी जोड़ा कि श्रीराम का आवास हमारे लिये आध्यात्मिक भावना का विषय है। हमारी भावनाओं से खेलने वालों को हम क्षमा करने वाले नहीं।
बता दें कि नितेश के पत्र के निस्तारण के लिये केन्द्र की ओर से राजय सरकार को पत्र लिखा गया था। यूपी सरकार के लोक शिकायत अनुभाग मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से लापरवाही बरतते हुए उसे बस्ती जिले के जिलाधिकारी को निस्तारण के लिये भेज दिया, जबकि रामलला विराजमान अयोध्या में हैं। इस प्रकरण से नाराज बीजेपी नेता ने दोबारा पीएम मोदी को पत्र लिखकर प्रकरण के त्वरित निस्तारण की मांग की है।
बीते 26 दिसंबर 2018 को मऊ के बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर ने भी बयान दिया था कि अयोध्या में रामलला ठंड में बिना छत के हैं। उन्हें प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत एक घर बनवाया जाना चाहिये।

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