जी हां बतादें कि रूधौली नगर पंचायत के पहले शपथ ग्रहण समारोह में प्रशासन द्वारा बड़ी लापरवाही सामने आयी है। जिस घटना के बाद रूधौली से भाजपा के विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कड़ी नाराजगी जताई है।
बतादें कि मंगलवार को सूबे में नगर निकाय के चयनित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण समारोह था। इसका आयोजन बस्ती जिले के नये नगर पंचायत रूधौली में भी किया गया था। इस समारोह में शामिल होने के जिले क्षेत्र के भाजपा विधायक पूरी तैयारियां करके बैठे थे। उनके पहुंचने से पहले विधायक प्रतिनिधि वहां पहुंचे तो हैरान रह गये।
क्यूकि शपथ ग्रहण समारोह में विधाक के बैठने के लिए कुर्सियां ही नहीं लगाई गई थी। जैसे ही इस बात की जानकारी प्रतिनिधि ने विधायक को दी। संजय जायसवाल विफर गये। उन्होने इसे अपना अपमान बताते हुए कार्यक्रम में शामिल होने से ही इनकार कर दिया।
इतना ही नहीं इस शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के सांसद हरीश द्विवेदी को न्योता ही नहीं दिया गया था। जिसे लेकर सांसद प्रतिनिधि ने खूब नाराजगी जताई। प्रतिनिधि राकेश शर्मा ने कहा कि सरकारी आयोजनों में प्रशासन की इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
हालांकि पूरे मामले को लेकर जब पत्रिका के संवाददाता ने एसडीएम कीर्ति प्रकाश से बात किया तो उनका कहना था कि मेरी जिम्मेदारी मात्र शपथ दिलाने की थी, शेष व्यवस्था अधिशाषी अधिकारी की थी। वो इसका जवाब बेहतर तरीके से दे पायेंगे।
हालांकि पूरे मामले को लेकर जब पत्रिका के संवाददाता ने एसडीएम कीर्ति प्रकाश से बात किया तो उनका कहना था कि मेरी जिम्मेदारी मात्र शपथ दिलाने की थी, शेष व्यवस्था अधिशाषी अधिकारी की थी। वो इसका जवाब बेहतर तरीके से दे पायेंगे।
मामले को बढ़ता देख पत्रिका टीम अधिशासी अधिकारी रामसमुख से सवाल किया को उन्होने अपनी भूल स्वीकारते हुए कहा कि यह मेरे द्वारा पहला शपथ ग्रहण समारोह था जिसमें जल्दबाजी और भूल से यह चूक हुई है। इसमें किसी भी तरह की संवैधानिक अवहेलना या ठेस पहुंचाने का मेरा कोई मकसद नहीं था।
विधायक की पत्नी को हराकर बसपा ने जीता चुनाव बतादें कि रूधौली के विधायक संजय जायसवाल ने नगर पंचायत पर कब्जा जमाने के लिए अपनी पत्नी संगीता जायसवाल को भाजपा का उम्मीदवार बनवाया था। पूरी कोशिश लगाने के बाद भी इस सीट पर बसपा के उम्मीदवार धीरसेन निषाद ने चुनाव जीत लिया। अब यहां इस बात की चर्चा हो रही है कि बसपा के नगर पंचायत अध्यक्ष ने राजनीतिक रंग देते हुए पूरे समारोह से भाजपा नेताओं को योजना के तहत दूर कर दिया।