बताया गया है कि मामले की शुरुआत उस घटनाक्रम को लेकर हुई जिसमें सांसद के खिलाफ फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में हाल ही में सांसद ने मुकदमा दज्र कराया था। इस मामले में देर रात पुलिस दो लोगों को गिरफ्तार कर कोतवाली भी ले आयी थी। पर सुबह होते ही विधायक सीपी शुकला के दबाव में पुलिस ने दोनों लड़कों को छोड़ दिया। इसी बात को लेकर सांसद नाराज थे। बैठक में पहुंचते ही उनहोंने प्रभारी मंत्री से इसकी शिकायत की। उनके शिकायत करते ही विधायक सीपी शुक्ला अपना आपा खो बैठे और सांसद पर अमर्यादित टिप्पणी करने लगे। इसके बाद दोनों के बीच गरमा-गरम बहस होने लगी।
सिद्धार्थनाथ सिंह के मना करने के बाद भी सांसद और विधायक नहीं रुके। नौबत हाथापाईं तक पहुंच गयी थी। फिर प्रभारी मंत्री बैठक से उठकर लखनऊ के लिये चले गए। सभागार से बाहर आने के बाद विधायक सीपी शुक्ला के समर्थकों ने सांसद के समर्थक कबीर तिवारी को पीट दिया। फिर किसी तरह सीओ सिटी ने दोनों समर्थकों को अलग किया और मौके से हटाया। काफी देर तक माहौल गरम रहने के बाद सांसद भी डाक बंग्ला वापस आ गए। इस मामले को लेकर जब संसद हरीश दि्ववेदी से सवाल हुआ तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। अभद्र भाषा और टिप्पणी करने के आरोप को भी सांसद ने सिरे से खारिज कर दिया।
By Satish Srivastava