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PATRIKA IMPACT: सीएम अखिलेश ने कहा, यूं ही नहीं मरने देंगे ‘रौनक’ को

locationबस्तीPublished: Sep 10, 2016 09:04:00 am

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मासूम रौनक के परिजनों ने लगाई थी सीएम अखिलेश से गुहार

akhilesh yadav treated raunak

akhilesh yadav treated raunak

बस्ती. इसे कहते है पत्रिका की खबर का असर। दरअसल, मंगलवार को पत्रिका ने रौनक नाम के मासूम बच्चे की दिल की आवाज सीएम अखिलेश तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया था। बता दें कि मासूम रौनक के दिल में छेद है और उसके परिवार के पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे। मासूम रौनक को पढ़ने का बहुत शौक है और परिवार वाले भी चाहते हैं कि वह आगे पढ़े, लेकिन उनकी मजबूरी ऐसी थी कि वह चाहकर भी ऐसा नहीं कर सकता था। डॉक्टरों ने उसके परिवार वालों को रौनक का जल्दी इलाज करवाने का अल्टीमेटम तक दे दिया था। लोेकिन अब सीएम के इस पहल के बाद हम कह सकते हैं कि नौनक की जिंदगी में फिर से रौनक लौट आई है।


मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की संवेदनशीलता से मासूम रौनक की जिदंगी में अब एक बार फिर से रौनक लौट आई है। रौनक के दिल में छेद के ऑपरेशन का खर्चा अब सरकार खुद उठायेगी। हर्रेया के डहवाबाबू गांव निवासी जगदीश के 7 वर्षीय पुत्र रौनक के दिल का आपरेशन केजीएमसी लखनऊ में होगा। मासूम की आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंची तो विवेकाधीन कोष से इलाज का इंतजाम करने का फरमान जारी हो गया।




जिलाधिकारी ने व्यवस्था कर बच्चे को इलाज के लिए लखनऊ भेज दिया। अपर जिलाधिकारी ने बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए बताया कुछ दिन पहले यह परिवार इलाज की मदद को लेकर मिला था। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से सहायता देने का प्रस्ताव भेजा गया था। इसकी मंजूरी मिलते की मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर बालक के इलाज की व्यवस्था कर दी गई है।


बता दें कि रौनक के दिल में छेद है, जिसका इलाज पहले से ही केजीएमसी में चल रहा है। कक्षा एक में पढ़ने वाले इस बच्चे की बीमारी के बारे में पता चलने पर उसे परिवार के लोग लेकर मुबंई के हिन्दुजा मेडिकल कालेज में ले गए। यहां इलाज में खर्च का बजट सुनकर लौट आए। जगदीश पेशे से किसान है। किसी तरह से परिवार का भरण पोषण करते हैं। डाक्टरों ने बताया कि 5 से 6 लाख दिल के आपरेशन में लगेंगे तो वह निराश हो गया। रौनक का हार्ट ठीक से काम नहीं करता जिस वजह से वह न तो खा पाता है, न सो पाता है और न ही आम बच्चों की तरह वह खेल ही पाता है।

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