सुबोध कांत मिर्ज़ापुर के शहीद उद्यान में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उनका कहना था कि 2014 में बीजेपी को सकारात्मक बदलाव के लिये वोट मिला था। गुजरात मॉडल का खूब प्रचार हुआ, लेकिन अब इसकी हवा निकल चुकी है और कोई नहीं जानता कि गुजरात मॉडल आखिर क्या है। साढ़े चार साल में भारतीय अर्थव्यवस्था की जो हालत हो गयी है वह सभी पर भारी पड़ रहा है।
सुबोध कांत सहाय ने राफेल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर कहा कि जिनको भाषा पर कंट्रोल नहीं वह प्रधानमंत्री हैं। वह चौराहे की भाषा बोल रहे हैं। राफेल के मामले में सुप्रीम कोर्ट को भी गफलत में रखा गया। लेकिन अब सब पकड़ में आ गया कि सुप्रीम कोर्ट ने जो जजमेंट दिया वह किस आधार पर दिया है। सीएजी कि रिपोर्ट पीएससी में नहीं आयी। उन्होंने कहा कि आज विपक्षी एकता की जिम्मेदारी काग्रेस पार्टी और राहुल गांधी कि है। पार्टी सभी को साथ ले कर चलने के लिए अपने हितों से समझौता कर सभी को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। कार्यक्रम से पहले उन्होंने विंध्याचल में मां विंध्यवासनी मंदिर गए और वहां दर्शन पूजन किया।
By Suresh Singh