आरोप है कि कुछ दिन पहले कप्तानगंज के एसओ सतानन्द पांडे की माँ का देहांत हुआ। एसओ ने कर्मकांड में दान करने के लिए महराजगंज के फर्नीचर व्यापारी गिरिजाशंकर अग्रहरी की दुकान से दो दिवान बेड लिया और पैसा कर्मकांड के बाद देने की बात कही। गिरिजाशंकर ने आरोप लगाया कि कप्तानगंज एसओ सतानन्द से जब उन्होंने कर्मकांड के बाद बेड के 26 हजार रुपये मांगे तो उन्होंने भद्दी भद्दी गालियां दी। साथ ही ये कहते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी कि पुलिस रस्सी का बम बना देती है और तम्बाकू और गुड़ मिलाकर चरस बना देती है।
इसके बाद जो हुआ उससे व्यापारी की परेशानी बढ़ गई। उनका कहना है कि महराजगंज चौकी इंचार्ज संतोष और कप्तानगंज के एसओ की मिलीभगत से उनके उन पर एक फर्जी मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। परेशान व्यापारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर और डीआईजी (तत्कालीन आईजी) आशुतोष कुमार, एसपी समेत आलाधिकारियों से शिकायत की लेकिन न्याय नही मिला। इतना ही नहीं जांच में डीआईजी ने थानेदारों को क्लीनचिट भी दे दिया। जिसके बाद उन्हे अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कोर्ट ने एसओ सतानन्द के खिलाफ 406 और 504 धारा के तहत सम्मन तामील की है।
वहीं व्यापार मण्डल अध्यक्ष विशम्भर ने भी गिरिजाशंकर अग्रहरी का समर्थन करते हुए कहा कि कप्तानगंज एसओ सतानन्द पांडे व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। गिरिजाशंकर के पैसे मांगने पर फर्जी मुकदमे में फंसा दिया। उन्होंने कहा कि महराजगंज चौकी इंचार्ज का भी यही हाल है। व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि योगी राज हम लोगों पर जुल्म किया जा रहा है।
by- satish shrivastava