दरअसल, प्रीति (17) पुत्री विश्वनाथ जायसवाल खाना बना रही थी। उसी वक्त अचानक सिलिंडर के साथ ही रेग्यूलेटर में आग पकड़ लिया। प्रीति आग बुझाने की कोशिश की लेकिन आग और धधक उठी और प्रीति बुरी तरह झलस गई। देखते ही देखते आग पूरे किचन में फैल गई। प्रीति के पिता विश्वनाथ जायसवाल (40) बाहर बैठे थे। जब उन्होंने प्रीति की चीख सुनी तो अपने बच्चों को बचाने के लिए घर में गए। घर में उनके और तीन बच्चे प्रियंका, प्रिया और प्रिंस फंसे थे। पहले उन्हें निकाला। लेकिन खुद आग में फंस गए और जलने से उनकी मौत हो गई।
आग की लपटे देख मौके पर ग्रामीण जुट गए और इसकी सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी और खुद भी आग बुझाने में जुट गए। थोड़ी देर में पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम तथा वाल्टरगंज पुलिस ने गांव वालों के साथ किसी तरह आग पर काबू पाया। तब तक घर में रखी नकदी, बाइक, गहने, फ्रिज, कूलर, पंखे, कपड़े, बिस्तर आदि गृहस्थी जल गई। एसडीएम भानपुर राजेश सिंह, सीओ सदर आलोक सिंह, तहसीलदार नवीन प्रसाद ने पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाया। उचित मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया। झुलसी युवती को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। विश्वनाथ के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
विश्वनाथ के घर से सटे भाइयों ओमप्रकाश, राम प्रकाश, पारसनाथ के घरों में भी आग की लपटें पहुंचीं और सारा सामान जलकर राख हो गया। आग की भयावह स्थिति को देखते हुए आसपास के लोग घर की सुरक्षा में जुट गए। अपने अपने रसोई गैस सिलेंडर को बाहर निकालकर जूट के बोरे को भिगोकर लपेट दिए। घटना से पूरे गांव में दहशत फैल गई। मृतक की पत्नी गुड़िया देवी, पुत्री प्रियंका, प्रिया तथा बेटा प्रिंस सहित परिवार के सभी लोगों रो रो कर बुरा हाल है। परिजनों की हालत और राख हुए घर को देखकर हर कोई भावुक हो गया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए भेज दिया गया है। वहीं युवती का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
BY-Satish Srivastava