बस्ती जिले के परसरामपुर थानाखेत्र के बगनवा गांव निवासी राकेश का 12 साल का बेटा राहुल स्कूल से घर आया और पास की ही एक दुकान पर गेम खेलने चला गया। पिता राकेश के बुलाने पर भी वह नहीं आया तो पिता का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। गुस्साया बाप तनतनाते हुए दुकान पर पहुंचा और बेटे का कान पकड़कर उसे घर ले आया। घर पर बाप ने बेटे की जमकर पिटायी की। इससे भी मन नहीं भरा तो उसने राहुल के सीने पर पैर रखकर बुरी तरह से दबा दिया। हत्य के बाद वह घबरा गय। और हत्या को सुसाइड का रूप देने के लिये बाप न बेटे की लाश को फंदे से लटका दिया।
उसने गांव के लोगों को यह बताया कि राहुल ने आत्महतया कर ली है। घटना के बाद मृतक राहुल के नाना को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके बाद डीएम के आदेश पर बच्चे के शव को खोदकर कब्र से निकाला गया। पोस्टमार्टम में बात साफ हो गई कि राहुल ने सुसाइड नहीं की बल्कि उसकी हत्या की गई है। पुलिस को पूरा शक पिता राकेश पर हुआ तो उससे कड़ाई से पूछताछ की गई। वह टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया।द आरोपी पिता ने बताया कि राहुल का मन पढ़ने-लिखने में नहीं लगता था और उसे मोबाइल पर गेम खेलने की आदत लग गयी थी1 बार-बार मना करने पर भी वह नहीं मान रहा था। उस दिन उसे घर लाकर पिटायी कर दी जिसमें उसकी जान चली गयी।
By Satish Srivastava