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खतरे में मासूम की जिंदगी, शहर में केशरिया दूध बेंचकर कराया जाएगा ‘माही’ का आपरेशन

locationबस्तीPublished: Jan 10, 2020 03:16:39 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

सरकार की लेटलतीफी ने किया परेशान, एम्स से 2024 में मिला आपरेशन का डेट

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सरकार की लेटलतीफी ने किया परेशान, एम्स से 2024 में मिला आपरेशन का डेट

बस्ती. सरकारी विभागों की लेट लतीफी किस कदर गरीबों की जिंदगी के लिए घातक बन रही है इसकी बानगी बस्ती जिले में देखने को मिल रही है। जहां पांच साल की एक मासूम इसलिए जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है कि उसके इलाज के लिए जो समय अस्पताल की तरफ से दिया है वो अभी चार साल दूर है। परेशानी की बात ये है कि तिल-तिल कर जिंदगी जीने वाली मासूम चार को समय से इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती लेकिन सिस्टम की लापरवाही में अब उसकी जान खतरे में दिख रही है। हालांकि एक चेरिटी के सहयोग से मासूम के इलाज की उम्मीद जगी है।
पांडेय बाजार के रहने वाले सत्येन्द्र की बेटी मासूम पांट साल की है। एक साल पहले लगातार तबियत खराब होने के बाद सत्येन्द्र को पता चला की बिटिया के दिल में छेद है। किसी बड़े अस्पताल में इलाज से ही वो इस गंभीर बीमारी से बाहर निकल सकती है। परेशान पिता के पास इलाज के लिए पैसे न होने के कारण वो राष्‍ट्रीय बाल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम (आरबीएसके) से संपर्क साधा
इसके तहत बेटी को इलाज के लिए लखनऊ पीजीआई में दाखिल कराया गया। वहां के डाक्टरों ने बेहतर उपचार और आपरेशन के लिए दिल्ली के एम्स में रेफर कर दिया। सत्येन्द्र को खुशी हुई की बेटी का इलाज एम्स में हो जाएगा तो वो अच्छी हो जाएगी। लेकिन जब वो एम्स में डाक्यूमेंट जमा किये तो उन्हे आपरेशन की डेट साल 2024 में मिली।
चाल साल बाद की तारीख मिलने से सत्येन्द्र टूट गये। गरीबी के कारण उनके पास कोई सहारा नहीं जिससे वो बिटिया का इलाज करा पाते। ऐसे में इसकी जानकारी बस्ती हेल्थ क्लब को हुई तो क्लब की तरफ से माही के इलाज की भरोसा दिया गया है।
केशरिया दूध से जुटाएंगे पैसे

क्लब की तरफ से साफ किया गया है कि माही के इलाज के लिए तीन लाख रूपये लगेंगे इसे जुटाने के लिए 13 जनवरी को क्लब के सदस्य शहर में केशरिया दूध का इस्टाल लगाएंगे। इसे बेचकर जो पैसे जुटेंगे उसे माही का इलाज किया जाएगा।
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