पांडेय बाजार के रहने वाले सत्येन्द्र की बेटी मासूम पांट साल की है। एक साल पहले लगातार तबियत खराब होने के बाद सत्येन्द्र को पता चला की बिटिया के दिल में छेद है। किसी बड़े अस्पताल में इलाज से ही वो इस गंभीर बीमारी से बाहर निकल सकती है। परेशान पिता के पास इलाज के लिए पैसे न होने के कारण वो राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) से संपर्क साधा
इसके तहत बेटी को इलाज के लिए लखनऊ पीजीआई में दाखिल कराया गया। वहां के डाक्टरों ने बेहतर उपचार और आपरेशन के लिए दिल्ली के एम्स में रेफर कर दिया। सत्येन्द्र को खुशी हुई की बेटी का इलाज एम्स में हो जाएगा तो वो अच्छी हो जाएगी। लेकिन जब वो एम्स में डाक्यूमेंट जमा किये तो उन्हे आपरेशन की डेट साल 2024 में मिली।
चाल साल बाद की तारीख मिलने से सत्येन्द्र टूट गये। गरीबी के कारण उनके पास कोई सहारा नहीं जिससे वो बिटिया का इलाज करा पाते। ऐसे में इसकी जानकारी बस्ती हेल्थ क्लब को हुई तो क्लब की तरफ से माही के इलाज की भरोसा दिया गया है।
केशरिया दूध से जुटाएंगे पैसे क्लब की तरफ से साफ किया गया है कि माही के इलाज के लिए तीन लाख रूपये लगेंगे इसे जुटाने के लिए 13 जनवरी को क्लब के सदस्य शहर में केशरिया दूध का इस्टाल लगाएंगे। इसे बेचकर जो पैसे जुटेंगे उसे माही का इलाज किया जाएगा।