प्रभारी निदेशक डॉ. उमेश यादव ने कहा कि पीएमएस संवर्ग के 16 डॉक्टरों का प्रधानाचार्य उत्पीड़ित कर रहे हैं। उन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिला है। इसे लेकर 28 अगस्त को डीएम से मुलाकात के बाद ट्रेजरी ऑफिसर ने वेतन बिल भेजने को कहा था, जिस पर जून का बिल 29 अगस्त को भेज दिया गया। जुलाई व अगस्त के वेतन बिल पर बाबू के कमरे में बैठकर हस्ताक्षर कर रहे थे। इसी बीच प्रधानाचार्य वहां पहुंच गए और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए फाइल आदि फेंक दिए। प्रतिरोध करने पर उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर बाहर करने का आदेश दिया। डॉ. उमेश यादव ने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य ने निदेशक का आवास तो खाली ही करा दिया है, अस्पताल के कक्ष पर भी कब्जा कर लिया है। ऐसे में उनके बैठने का कोई स्थान नहीं है। प्रधानाचार्य डॉ. नवनीत ने इस मामले में सफाई दी। कहा कि मैंने किसी के साथ अभद्रता नहीं की। डॉ. उमेश यादव अस्पताल आते ही नहीं। वेतन को लेकर डॉक्टरों से वार्ता हुई थी, मैंने स्वीकारोक्ति भी दे दी थी, मगर जब वे एक कमरे में बैठकर कुछ कर रहे थे तभी मैं वहां पहुंच गया और सीएमएस ने मुझसे अभद्रता की।
इस मामले में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी ने इस मामले पर कहा कि वह इस विवाद की जानकारी शासन में देंगे और डॉक्टरों की जो भी समस्या है उसका निदान होगा। बस्ती मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और डायरेक्टर के बीच विवाद को जल्द खत्म किया जाएगा।