मामला बस्ती जिले के परसरामपुर थानाक्षेत्र के यरता गांव का है। बताते चलें कि यरता गांव में काफी समय से बड़े पैमाने पर कच्ची शराब बनाने का गोरखधंधा फल फूल रहा है। गांव के युवा नशे की लत में पड़कर बर्बाद हो रहे हें। दावा किया जाता है कि शराब के इस अवैध धंधे से बनने वाली जहरीली शराब के एवज में पुलिस का महीना बंधा हुआ है। पीड़ित बिंदू यादव की मानें तो उसने इसे उखाड़ फेंकने के उसने मोर्चा संभाल लिये हैं। बताए मुताबिक बिंदू याव ने 100 नंबर पर फोन की इसकी शिकायत की तो मौके पर पहुंची UP 100 की पुलिस ने जहरीली शराब को नष्ट कर भट्ठियों को नतोड़ दिया। इसके बाद बिंदू ने थाने पर जाकर इसकी शिकायत कर दी।
बिंदू के की मानें तो थाने से उसे डांटकर भगा दिया गया। उसने आरोप लगाया कि पुलिस भी उनके साथ मिली हुई है। उसने सीओ के पास भी शिकायत की लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद शराब माफिया ने पुलिस के साथ मिलकर बिंदु और उसके परिवार के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करा दिया। बिंदु ने बताया कि झगड़ा किसी और के बीच हुआ था। पर इसके बाद गांव के प्रशान शिवकुमार की मिलीभगत से फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया।