फांसी लगाने वाले युवक का नाम अरबाज़ खान था और वह उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले के छावनी थानान्तर्गत प्रतापगढ़ गांव का रहने वाला था। परिवार की कमज़ोर आर्थिक स्थिति और अपनी बेरोज़गारी दूर करने के लिए 19 साल का अरबाज़ दो साल पहले काम के लिये सऊदी अरब चला गया। अरबाज़ को सऊदी अरब-कुवैत बार्डर पर वाहन चलाने का काम मिल गया। वह परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने और अपने सपने पूरे करने के लिये खूब मेहनत से काम भी कर रहा था।
इसी बीच अचानक कोरोना वायरस महामारी ने इतनी तेज़ पांव पसारा की दुनिया भर के देशों में लॉक डाउन लगा दिया गया। ऐसे में अरबाज़ समेत लाखों भारतीय विदेशों में फंस गए। कमकाज पूरी तरह से बंद होने के बाद बड़ी तादाद में लोग वापस आने में नाकाम रहे। अरबाज़ ने भी काफी कोशिशें कीं लेकिन वह सऊदी अरब से वापस लौटने में कामयाब नहीं हो सका।
बताते हैं कि लॉकडाउन में फंसे होने से वह डिप्रेशन का शिकार हो गया। उसने सुसाइड करने से पहले फेसबुक पर अपना अंतिम पोस्ट लिखा। उसने अपने पोस्ट में लिखा…
हेलो भाई लोगों कैसे हैं, अससलाम वालेकुम और भाई लोग कैसे हो सब ठीक है आज मेरा अंतिम रात है मैं जा रहा हूं दुनिया छोड़ के भाई लोग अस्सलाम वालेकुम दुआओं में याद रखना।
उसका ये पोस्ट पढने के बाद लोगों ने उसे रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन अरबाज ने किसी की नहीं सुनी। मंगलवार को उसके आत्महत्या की खबर परिजनों को मिली।