बस्ती

जयंत चौधरी का बीजेपी सरकार पर हमला, कहा- यूपी में कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ छलावा

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अराजकता का माहौल व्याप्त है। एंटी रोमियो के नाम पर नौजवानों को बेइज्जत किया जा रहा है ।

बस्तीOct 11, 2017 / 09:13 am

Akhilesh Tripathi

जयंत चौधरी

बस्ती. रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि यूपी में कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ छलावा किया गया। वादा करने के बावजूद स्वामीनाथन आयोग कि रिपोर्ट को आज तक लागू नहीं किया गया। किसानों को उनकी लागत का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अराजकता का माहौल व्याप्त है। एंटी रोमियो के नाम पर नौजवानों को बेइज्जत किया जा रहा है। ईमानदार अधिकारियों को रूकने नही दिया जा रहा है। किसानों ने सूखा और बाढ की चपेट की मार को झेलने के बावजूद भी कृषि उपज बढाया लेकिन अफसोस है कि मेहनत कर देश की खुशहाली और समृद्धी में सहयोग करने वाले किसान आज भी सरकार की उपेक्षा के चलते बदहाली भरी जिंदगी जीने को मजबूर है।
 

 

हर्रैया विधानसभा क्षेत्र के सहराये गांव में एसडी चिल्ड्रेन एकेडमी में आयोजित किसान महापंचायत के मौके पर मौजूद किसानों को संवोधित करते हुए रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि अपने को सबसे दूध की धुली पाटी कहे जाने वाली भाजपा में कई मंत्री और विधायकों की छवि दागदार है। उन्होंने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब तक नेता दूसरे दल में रहते है तब तक वे अपराधी और दागदार छवि वाले रहते हैं, लेकिन जब वही नेता भाजपा में शामिल हो जाता है तो गंगा जल का धुला हो जाता है।
 

चौधरी ने कानून व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नही हैं। मेरठ के सुमित गूजर को अपराधी बताकर उसका इनकाउंटर कर दिया जाता है तो मथुरा की बेटी रेखा माथुर अपने पिता के हत्यारों को कानून के शिकंजे में लाने के लिए अधिकारियों के दरवाजों पर न्याय की भीख मांगती रही लेकिन न्याय की उम्मीद छोड उसने उसने आत्म हत्या कर लिया। जयंत चौधरी ने किसानों से पूछा कि कितने किसानों का हेल्थ कार्ड बना है तो भीड़ से कोई भी हाथ नहीं उठा। उन्होंने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि देश के प्रधानमंत्री महोदय अपने भाषण में अस्सी करोड़ किसानों के हेल्थ कार्ड बनाने का दावा पेश करते है।
 

कर्जमाफी पर बोलते हुए कहा कि यह योजना सिर्फ किसानेां के साथ छलावा है। कर्ज माफी का लाभ देना था तो उनके खातों में एक एक लाख रूपया भेज दिया जाता। उन्होंने कहा कि अपनी हाड़ तोड़ मेहनत से चाहे सूखा हो या फिर बाढ़ बिभीषिका कृषि उपज को किसानों ने बढ़ाया लेकिन आज भी उनकी माली हालत बदहाल है। उन्हें उनकी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि तीन लाख टन चीनी विदेशों से खरीदी जा रही है। गेहूं विदेशों से आयात किया जा रहा है। वहीं किसानों को भी जाति धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है। चौधरी चरन सिंह की सोच थी कि जब देश का किसान खुशहाल होगा तभी देश खुशहाल होगा.
 
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.