दरअसल, पुरानी बस्ती क्षेत्र के खवासबारी गांव में युवती अपनी नानी के यहां रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। पंकज कुमार ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि अलका प्रेमी के साथ भागने की फिराक में थी, मगर नानी उसे रोक रही थी। इसी कशमकश के बीच (58) नानी मेवाती ने डंडे से वार कर दिया। बाद में कपड़े की रस्सी से गला कसकर मार डाला। एसपी के मुताबिक आत्महत्या का रूप देने के लिए उसे फंदे से लटका दिया गया था। हत्याकांड की सटीक तफ्तीश कर हत्यारोपी नानी को सलाखों के पीछे भेजने के गदगद एसपी ने थानाध्यक्ष सर्वेश राय की टीम को पांच हजार रुपये नगद पुरस्कार दिया।
संतकबीरनगर के धनघटा थाने के गोपीपुर निवासी राजेंद्र यादव की बेटी अलका यादव लखनऊ में नानी के भाई के घर रहकर एएनएम की पढ़ाई कर रही थी। पढ़ाई के दौरान अलका का सीतापुर के एक युवक से प्रेम संबंध हो गया। इसकी जानकारी वहां घरवालों को हुई तो उसे घर भेज दिया। एक सितंबर को अलका अपने घर न जाकर खवासवारी स्थित नानी के पास घर चली गई, मगर प्रेमी से बातचीत जारी रखा। एसपी के अनुसार 11 सितंबर-2019 को मोबाइल पर बात करते समय नानी आ पहुंची। अलका को प्रेमी से भागने की बात करती सुन मेवाती ने टोका। कुछ उल्टा जवाब दिया तो आवेश में आकर मेवाती देवी ने डंडे से पोती के सिर पर प्रहार कर दिया। इससे वह घायल होकर गिर गई। कपड़े की रस्सी बनाकर गला कस दिया, उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त डंडा व रस्सी बरामद कर लिया है। प्रेसवार्ता के दौरान एएसपी पंकज, सीओ कलवारी अनिल कुमार सिंह भी मौजूद रहे।
BY- Satish Srivastava