scriptइजरायल की मदद से आम की पैदावार में होगा इजाफा | mango production will increase in india with Israel help | Patrika News

इजरायल की मदद से आम की पैदावार में होगा इजाफा

locationबस्तीPublished: Mar 20, 2018 11:10:54 am

Submitted by:

Sunil Yadav

इजराइल की कृषि विशेषज्ञ मिस टिमना सोयर ने बताया किस प्रकार लगाए आम की नर्सरी

इजरायल की मदद से आम की पैदावार में होगा इजाफा

इजरायल की मदद से आम की पैदावार में होगा इजाफा

बस्ती. इजरायल की मदद से भारत में आम की बेहतर पैदावार के लिए पहल शुरू हो गई है। सोमवार को उद्यान विभाग द्वारा आयुक्त सभागार में तीन दिवसीय इंडो-इजराइल क्लस्टर मैंगो वर्कशाप का का आयोजन किया गया। कृषि निदेशक एमपी जोशी भी विशेष मौजूदगी में आयुक्त दिनेश कुमार¨सह ने वर्कश़ॉप की शुरुआत की। वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य आधुनिक तकनीक को किसानों और बानवानी से जुड़े लोगों तक पहुंचाना है।

आयुक्त दिनेश कुमार ने कहा कि इंडो-इजराइल संधि के तहत प्रदेश के दो जिलों बस्ती एवं कन्नौज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार किया जा रहा हैं जो आने वाले समय में इस क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात एवं बिहार के प्रोजेक्ट अफसर और इजराइल की कृषि विशेषज्ञ मिस टिमना का स्वागत करते हुए कहा कि इस कार्यशाला से किसानों को लाभ मिलेगा। उन्हें नई औऱ वर्तमान तकनीकों में बारे में जानकारी हासिल होगी। जिससे उन्हें पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ इनके रख रखाव भी मदद मिलेगी।
वही इजराइल की कृषि विशेषज्ञ मिस टिमना सोयर ने आम की नर्सरी लगाने, जैविक खाद बनाने के तरीके पानी डालने और उनके पोली बैग के आकार तथा उनको रोपने के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि जैविक खाद का प्रयोग 17 डिग्री सेंटीग्रेड पर करना चाहिए। पौधे के पोली बैग में 6 से 10 लीटर पानी रखने की क्षमता होनी चाहिए। आम की गुठली को जमीन की जगह इस पोली बैग में ही बोना चाहिए। साथ ही तैयार पौधे को लगाते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि वह नष्ट न हो।

कृषि निदेशक एमपी जोशी ने आम के बेहतर पौध और उसके उत्पादन क्षमता के साथ ही उनकी खासिय के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 2.75 लाख हेक्टेयर आम के बगीचे है। जिनमे 70 फीसदी काफी घने हो चुके हैं। जिसकारण आम की पैदावार कम हो गई है। कार्यशाला में हिस्सा लेने के लिए विभिन्न प्रदेशों से कृषि विशेषज्ञों के साथ ही किसान और बागवानी से जुड़े लोगों ने शिरकत की। यह कार्यशाला 21 मार्च तक चलेगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो