इस आर्डर के खिलाफ दोनों ने जिला जज की कोर्ट में रिवीजन दाखिल किया था। यहां से फाइल फास्ट ट्रैक कोर्ट फस्ट को भेज दी गई। कोर्ट के जज ने रिवीजन को निरस्त कर दिया था। आदेश दिया था कि दोनों निचली अदालत में 10 जुलाई को हाजिर हो। 16 जुलाई को पड़ी तारीख के दिन एसीजेएम प्रथम अंकिता दूबे ने इसे कोर्ट के आदेश की अनदेखी मानते हुए कहा कि दोनों कोर्ट स्तर से जारी आदेश से वाकिफ थे और इसके बाद भी हाजिर नहीं हुए। ऐसी दशा में तत्कालीन थाना प्रभारी कप्तानगंज सतानंद पांडेय व पूर्व चौकी प्रभारी महराजगंज संतोष कुमार मिश्र के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाता है।
कप्तानगंज के व्यापारी गिरजाशंकर अग्रहरि ने दोनों पुलिस अधिकारियों पर सामान लेकर दाम की रकम हड़पने का आरोप लगाया है। कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि तत्कालीन एसओ सतानंद पांडेय ने अपनी माता के कर्म में दान देने के लिए दो दीवान बेड बनवाया था, जिसकी कीमत 26 हजार रुपए थी। वहीं चौकी इंचार्ज महराजगंज रहे संतोष कुमार मिश्र को चौकी पर शौचालय बनवाने के लिए नौ हजार रुपए का ईंट व नौ हजार नगद दिया था। मांगने पर दोनों अधिकारी नाराज हो गए और उसे प्रताड़ित करने लगे। आरोप है कि उसके खिलाफ एक मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया था।
उच्चाधिकारियों से शिकायत के बाद सुनवाई न होने पर प्रकरण में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट के आदेश के बाद भी हाजिर न होने पर दोनों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया गया है। वर्तमान में इंस्पेक्टर सतानंद पांडेय क्राइम ब्रांच (पुलिस लाइंस) और दरोगा संतोष कुमार मिश्र कलवारी थाने पर तैनात हैं। कोर्ट ने कोतवाल व कलवारी के थानाध्यक्ष को गैर जमानती वारंट का अनुपालन सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है। आईजी आशुतोष कुमार ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन कराया जाएगा।
BY- SATISH SRIVASTAVA