बस्ती

घाघरा नदी पर बना तटबंध मरम्मत के एक साल बाद ही टूटा , हजारों लोगों की मुश्किलें बढ़ी

ग्रामीणों ने कहा की गई मानकों की अनदेखी, डीएम ने तलब की रिपोर्ट

बस्तीDec 31, 2019 / 07:00 pm

Ashish Shukla

ग्रामीणों ने कहा की गई मानकों की अनदेखी, डीएम ने तलब की रिपोर्ट

बस्ती. जिले के चांदपुर कटरिया में घाघरा के कटाने को रोकने के लिए बने बंधे के टूट जाने से हजारों ग्रामीणों के सामने नई मुसीबत आ गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि तटबंध के निर्माण में घटिया सामग्री लगाई गई थी जिस कारण बंधा टूटा है। अब इनकी मुसीबत ये है कि जैसे ही बारिश के पानी से घाघरा नदी उफान पर आई वैसे ही हजारों घरों को डूबने का खतरा बढ़ जाएगा।
बतादें कि चांदपुर कटरिया गांव से होकर घाघरा नदी गुजरती है। बारिश के समय में कटान हो जाने से चांदपुर समेत दर्जन भर गांव के लोगों बाढ़ की चपेट में आ जाते थे। जिस कारण इन्हे हर साल परेशानी का सामना करना पड़ता था। ऐसे में 20 साल पहले इलाके के लोगों की मांगकर तत्तकालीन डीएम ने सरकार से अनुरोध कर यहां कटान को रोकने के लिए एक बंधे की स्वीकृति कराई।
90 मीटर लंबे और 45 एमएम चौड़े इस बंधे के बन जाने के बाद इलाके के लोगों को बड़ी राहत मिलने लगी। लेकिन बंधा पुराना होने के साथ ही इन्हे फिर से परेशानी सताने लगी की कहीं बंधा टूटकर उनके लिए फिर मुसीबत न पैदा कर दे।
ऐसे में 2017 में सूबे में भाजपा की सरकार बन जाने के बाद इलाके के लोगों ने इसके मरम्मत के लिए सरकार से गुहार लगाई। मुख्यमंत्री की विशेष निगरानी में इस बंधे को दुरूस्त कराने के लिए 4.30 करोड़ रूपये स्वीकृत कर दिये गये। 2018 में बारिश से पहले ही कटान को देखते हुए तेजी से काम लगा दिया गया औऱ बंधे को फिर से दुरूस्त कर दिया गया।
लेकिन निर्माण के समय ही गांव वालों ने इसे लेकर विरोध जताया था कि तटबंध के मरम्मत में जो सामग्री लगाई जा रही है वो घटिया है जिसका बाद में नुकसान उठाना पड़ सकता है। लेकिन संबन्धित ठेकेदार ने बिना देर किये जैसे तैसे इसका काम पूरा कराया और पैसे भुना कर निकल लिये।
मरम्मत के महज एक साल बीतने के बाद ही तटबंध का एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर पानी में समां गया। जिससे इस बात का खतरा बढ़ गया है कि आने वाले दिनों में जब भी बारिश हुई या घाघरा का जलस्तर बढ़ा तो बांध टूट सकता है। इससे हजारों लोगों को परेशानी हो सकती है।
मुश्किल में ये गांव

पत्रिका से बातचीत में मंगरू, समरनाथ, देवन्द्र समेत दर्जनो लोगो ने कहा कि अगर जल्द इसे दुरूस्त न कराया गया और बांध ऐसे ही गिरता रहा तो घाघरा का पानी गुलौरी बुजुर्ग, हरिवंशहपुर, दुबौलिया खास, सुकुलपुरा, चरकैला, शिमुकपुरा, समेत दर्जन भर गांवों को अपनी चपेट में ले लेगा। जिससे हजारों लोगों को मुश्किल होगी।
क्या कहा डीएम ने
जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कहा कि तटबंध गिरने की जानकारी हमें मिली है। इसके लिए हमने एक्सीएन ग्रामीण को निर्देश दिया है, वो मौका का जायजा लेकर हमें रिपोर्ट जल्द देंगे। जिलाधिकारी ने य़े भी कहा कि एक साल पहले ही बने तटबंध का गिर जाना बड़ी लापरवाही की तरफ इशारा कर रहा है। उन्होने कहा कि जल्द इसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही डीएम ने कहा कि जल्द ही इसके मरम्मत के लिए काम लगाया जाएगा ताकि किसी तरह की असुविधा न हो।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.