दहशत फैलाने वाले चार अपराधियों को पुलिस ने दबोचा
बस्तीPublished: Sep 24, 2016 04:53:00 pm
चारों अपराधी अंकित पांडे और पीयूष सिंह गैंग के मेंबर बताये जा रहे हैं
बस्ती. बीच शहर में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले चार शातिर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है। चारों अपराधी अंकित पांडे और पीयूष सिंह गैंग के मेंबर बताये जा रहे हैं। पकड़े गये शूटरों मे प्रेम प्रकाश, शुभम, सुरसरी और अजय शामिल हैं, जबकि दो अपराधी जो इस वारदात के मास्टरमाइंड हैं, वे अभी जेल में बंद हैं। पुलिस ने जेल में बंद अपराधी अंकित को तो अभियुक्त बनाया मगर पीयूष सिंह को पुलिस ने अभयदान दे दिया है।
एसपी ने बताया कि पकड़े गये शूटर अंकित के कहने पर व्यापारियों से रंगदारी वसूलने का काम करते थे। महेन्द्र एजेन्सी और गोदरेज एजेन्सी पर दो दिन पहले फायरिंग करने के लिये भी अंकित ने अपने गैंग से बोला था और बकायदा इसके लिये उस दिन पेशी पर आते समय अंकित की महेन्द्रा एजेन्सी के मालिक से रंगदारी के लिये बात भी कराई गई थी, लेकिन जब व्यापारी ने पैसा देने से इंकार कर दिया तो थोड़ी ही देर बाद अंकित के साथियों ने महेन्द्रा और गोदरेज एजेन्सी पर फायरिंग कर दी, जिसमें एक व्यापारी को पेट में गोली लगी।
इस मामले को लेकर व्यापारियों ने पुलिस को 24 घंटे के अंदर खुलासा करने का अल्टीमेटम दिया और एसपी ने एक दिन में ही वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों को गिरफतार करने में कामयाबी पा ली। जबकि गोली चलाने वाले एक अन्य शूटर को पुलिस अभी गिरफतार नहीं कर पाई है, जिसके लिये छापेमारी जारी है। वहीं जेल के अंदर बैठकर जरायम की दुनिया में अपना सिक्का चलाने वाला शातिर अपराधी अंकित पांडे को अब दूसरे जेल में शिफ्ट करने की तैयार में जुट गई है।
डीआईजी जेल में अंकित और पीयूष को एक हफते के अंदर ताबड़तोड़ चार गोलीकांड कराने का दोषी पाया है और इसलिये एहतियातन इन दोनों अपरधियों को दूसरे जेल में ट्रांसफर किया जा रहा है। यह गैंग सिर्फ रंगादारी मांगने का काम करता है और न देने पर उनकी हत्या कर देता है। बहरहाल, जेल में बंद होने के बाद भी अंकित के गैंग का सक्रिय होना जेल प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।