गिरोह के सरगना अभय प्रताप, रेहान सिद्दीकी व मास्टर माइंड शमशेर आलम काफी समय से एक एएनएमएस नाम का सॅाफ्टवेयर तैयार कर इससे रेलवे की वेबसाइट आईआरसीटीसी को हैक करने का काम करते थे। लंबे समय तक इनका कारोबार फलने-फूलने लगा तो इन्होने इसका धंधा शुरू कर दिया।
एक बड़ा नेटवर्क तैय़ार कर ये अपने सॅाफ्टवेयर एएनएमएस को आनलाइन बेचने लगे। जिसके जरिये आईआरटीसी को हैक किया जाता था औऱ हजारों टिकट तैयार कर उससे रेलवे को लाखों रूपये का चूना लगाने का काम किया जाता था।
इस गिरोह का कारोबार, बस्ती, गोंडा, संतकबीरनगर समेत पूर्वांचल के कई जिलों में तेजी से फल-फूल रहा था। इनकी तलाश में रेलवे की टीम लगातार छापेमारी भी कर रही थी लेकिन ये हाथ नहीं आ रहे थे।
मुखबिर के जरिए रेलवे पुलिस को सूचना मिली की इस गिरोह के दो सदस्य रविवार को हर्रैया इलाके में मौजूद रहेंगे वहीं से बस द्वारा किसी दूसरे जिले में जाने की तैयारी में हैं। सूचना के बाद गोंडा रेलवे पुलिस और बस्ती रेलवे पुलिस ने हर्रैया पुलिस से बात की। संयुक्त टीम का गठन कर इनकी घेरेबंदी की गई।
रविवार की सुबह जैसे ही अभय प्रताप व रेहान दोनों डिपो पर बस पकडऩे के लिए पहुंचे, पुलिस की टीम ने इन्हे गिरफ्तार कर लिया। रेलवे के अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि इनके पास से दो लाख रूपये के रेलवे टिकट व कई उपकरण बरामद किय़े हैं। आरोपियों के खिलाफ मु.सं.269/19 धारा 419 ,420 आईटी एक्ट और रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है ।
सीबीआई ने भी अभय को किया था गिरफ्तार अभय प्रताप रेलवे टिकटों की जालसाजी का सरगना बन गया है। इससे पहले सीबीआई ने इसे लखनऊ से गिरफ्तार किया था। फर्जीवाड़े के केस में ये जेल भी जा चुका है। कुछ दिन पहले ही ये जमानत पर बाहर आया था। अब रेलवे पुलिस ने इसे फिर एक बार गिरफ्तार कर लिया है।