यह भी पढ़ें- बीजेपी सांसद का यशवंत सिन्हा पर सीधा हमला, कहा- कुछ विद्वानों की उम्र बढ़ती है पर बोलने की आदत नहीं जाती पूजा की इस उपलब्धि पर पूरे घर में खुशी का माहौल है। बेटी की उपलब्धि पर पिता दिनेश मणि त्रिपाठी फूल नहीं समा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूजा बचपन से ही मेधावी रही हैं। उसने हाईस्कूल की परीक्षा झिनकु लाल इंटर कालेज कलवारी, इंटरमीडिएट की परीक्षा राजकीय बालिका इंटर कालेज, स्नातक व परास्नातक की परीक्षा किसान महिला महाविद्यालय और बीएड की परीक्षा किसान प्रशिक्षण महाविद्यालय से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। उन्होंने बताया कि पूजा ने बिना कोचिंग के स्वाध्याय के सहारे पूजा ने यूजीसी द्वारा आयोजित ’राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में कनिष्ठ शोध अध्येतावृत्ति (जेआरएफ) अवॉर्ड’ प्राप्त किया।
यह भी पढ़ें- अयोध्या में राम मूर्ति बनाने की योगी की घोषणा पर केंद्रीय मंत्री ने दिया यह बयान वर्तमान समय में पूजा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र विषय में शोधरत हैं। पूजा की स्कूली शिक्षा बस्ती से ही हुई। उन्होंने बिना किसी कोचिंग संस्थान की मदद के महत्वपूर्ण सफलता अर्जित की है। पूजा का उदाहरण इस बात को प्रमाणित करता है कि ’प्रतिभा किसी स्थान, संसाधन और सुविधा की मोहताज नहीं होती। वहीं, पूजा त्रिपाठी की मां विमला त्रिपाठी आचार्य रामचन्द्र शुक्ल बालिका विद्यालय अगौना में और पिता दिनेश मणि त्रिपाठी विकास इंटर कालेज खेसरहा में शिक्षक पद पर तैनात हैं।
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